‘मुंबई से गांव आने के लिए निकले, लेकिन उनका सफ़र रास्ते में ही ख़त्म हो गया’

बीते 26 मई को झांसी से गोरखपुर जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार आज़मगढ़ के 45 वर्षीय प्रवासी श्रमिक रामभवन मुंबई से अपने परिवार सहित घर लौट रहे थे, जब रास्ते में अचानक उनकी तबियत ख़राब होने लगी. परिजनों का कहना है कि समय पर उचित मेडिकल सहायता न मिलने के कारण उन्होंने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दम तोड़ दिया.

/
Jabalpur: Railway official provides drinking water from a distance to migrants travelling by a train to their native places, during the ongoing nationwide COVID-19 lockdown, at a railway station in Jabalpur, Wednesday, May 27, 2020. (PTI Photo) (PTI27-05-2020 000149B)(PTI27-05-2020 000198B)

बीते 26 मई को झांसी से गोरखपुर जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार आज़मगढ़ के 45 वर्षीय प्रवासी श्रमिक रामभवन मुंबई से अपने परिवार सहित घर लौट रहे थे, जब रास्ते में अचानक उनकी तबियत ख़राब होने लगी. परिजनों का कहना है कि समय पर उचित मेडिकल सहायता न मिलने के कारण उन्होंने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दम तोड़ दिया.

Jabalpur: Railway official provides drinking water from a distance to migrants travelling by a train to their native places, during the ongoing nationwide COVID-19 lockdown, at a railway station in Jabalpur, Wednesday, May 27, 2020. (PTI Photo) (PTI27-05-2020 000149B)(PTI27-05-2020 000198B)
(फोटो: पीटीआई)

‘हम झांसी से कानपुर तक मदद की गुहार करते रहे. मेरे भतीजे कन्हैया ने ट्रेन से दो बार रेलवे की हेल्पलाइन पर फोन किया. हमने भी दो बार फोन किया. हेल्पलाइन से कहा गया कि चलती ट्रेन में कोई चिकित्सकीय मदद नहीं हो पाएगी. किसी नजदीकी स्टेशन पर मरीज को उतार दीजिए. कन्हैया ने अपनी मां की मदद से किसी तरह रामभवन को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर उतारा. कन्हैया स्टेशन पर मदद के लिए दौड़ता रहा लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया. आधे घंटे बाद मेरी भाई की जान चली गई. यदि समय से दवाई हो गई होती तो मेरे भाई की जान नहीं जाती.’

यह कहते हुए विनीत चौहान रुआंसे हो उठते हैं. फिर कहते हैं, ‘भाई की मौत के तीन दिन बाद उनका शव हमें मिल पाया, तब तक शव सड़ चुका था.’

26 मई को झांसी से गोरखपुर आ रही श्रमिक स्पेशन ट्रेन में रामभवन चौहान की मौत हो गई थी. आजमगढ़ जिले के जहानागंज थाना क्षेत्र के करौंदा बुजुर्ग गांव के रहने वाले 45 वर्षीय रामभवन राजगीर थे और मुंबई के कल्याण इलाके में रह कर काम करते थे.

वह पत्नी कौशल्या (42), बेटे कन्हैया (17), कुलदीप (11) तथा बेटी ममता (14) के साथ रहते थे. 24 मई को वे सपरिवार बस से मुंबई से चले. वह 25 मई की रात झांसी पहुंचे. दो दिन की बस यात्रा में उन्हें दो स्थानों पर बस बदलनी पड़ी.

महाराष्ट्र सरकार की बस ने उन्हें मध्य प्रदेश के बॉर्डर तक छोड़ा, यहां से फिर वे एक दूसरी बस से गुना तक आए. गुना के बाद तीसरी बस से वे झांसी तक पहुंचे. इसके बाद वह 26 मई को 11 बजे झांसी से गोरखपुर के लिए आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हुए. तब उनके साथ कौशल्या की मां भी थीं.

ट्रेन में सवार होने तक उनकी तबियत ठीक थी. कन्हैया ने तब अपने गांव में चाचा विनीत को फोन करके इस बारे में जानकारी दी थी. ट्रेन चलने के कुछ दो घंटे बाद रामभवन ने पत्नी को बताया कि उन्हें बहुत गर्मी लग रही है.

रामभवन गर्मी से इतना परेशान हो गए कि वह एक-एक कर कपड़े उतारने लगे. कन्हैया के अनुसार ट्रेन में बहुत गर्मी थी और पीने के पानी का अभाव था. रामभवन की तबियत बिगड़ते देख कन्हैया और कौशल्या परेशान और विनीत को फोन करके ये बात बताई.

विनीत बताते हैं, ‘मैंने रेलवे के हेल्पलाइन 139 पर फोन किया और कन्हैया को भी इसी पर फोन मिलाते रहने को कहा. कन्हैया से जब एक बार फोन लगा उससे 20 मिनट बाद फोन करने को कहा गया. विनीत का फोन लगा तो कहा गया कि ट्रेन का नंबर बताएं.’

रामभवन चौहान.
रामभवन चौहान.

विनीत आगे बताते हैं, ‘इस पर उसने कहा कि ट्रेन नंबर तो नहीं पता है लेकिन ट्रेन झांसी से चली है. तब कहा गया कि ट्रेन की लोकेशन पता नहीं चल पा रहा है. चलती ट्रेन में कोई चिकित्सकीय मदद पहुंचाना मुश्किल है. किसी नजदीकी स्टेशन पर उतर जाएं और वहां से मदद लें.’

उन्होंने बताया कि झांसी से कानपुर तक ट्रेन को पहुंचने में पांच घंटे लगे और इस दौरान ट्रेन में कोई भी रामभवन की हालत देखने भी नहीं आया और उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी. पत्नी ने पानी के छींटे मारे, पानी की पट्टी की लेकिन तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ. कुछ देर बाद रामभवन बोलने में भी असमर्थ हो गए.

ट्रेन जब दोपहर बाद चार बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची तो कन्हैया ने मां की मदद से रामभवन को स्टेशन पर उतारा और मदद के लिए दौड़ा. कन्हैया पूरे स्टेशन दौड़ता मदद मांगता रहा लेकिन कोई भी रामभवन की हालत जानने नहीं आया. आधे घंटे बाद रामभवन की सांस बंद हो गई.

करीब डेढ़ घंटे बाद एक डॉक्टर आए. उन्होंने रामभवन को मृत घोषित कर दिया. रेलवे स्टेशन के कुछ कर्मचारियों ने भी वहां आकर कन्हैया से जानकारी ली कि वे कहां से आ रहे हैं और रामभवन की कब तबियत खराब हुई.

इसी रात करीब 11 बजे शव को जीआरपी ने अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया. विनीत के मुताबिक भाई की मौत की खबर मिलने के बाद वह 26 मई की रात कानपुर पहुंच गए. तभी से वह भाई का शव प्राप्त करने के लिए भाग-दौड़ करते रहे.

इसके बाद उन्हें तीन दिन बाद 29 मई को रात 11 बजे के लगभग कोविड-19 की जांच व पोस्टमार्टम के बाद उनके भाई का शव सौंपा गया. रामभवन की कोविड-19 की जांच निगेटिव आई थी.

विनीत कहते हैं कि इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी, करीब 70 घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस में शव रखा रहा. इस दौरान शव सड़ चुका था, जिसे जैसे-तैसे गांव लाकर उन्होंने अंतिम संस्कार किया.

वह कहते हैं, ‘उन्हें कोई बीमारी नहीं थी. चार साल पहले शुगर का पता चला था और वे इसकी दवा लिया करते थे. इसके अलावा उन्हें कोई और बीमारी नहीं थी.’

ट्रेन में जिस तरह रामभवन की मौत हुई उससे उनकी पत्नी और बच्चे अब भी सदमे में हैं. बमुश्किल एक मिनट बात करने के बाद कन्हैया का गला रुंधने लगा और उन्होंने फोन अपने चाचा को थमा दिया.

परिजनों ने बताया कि रामभवन करीब 20 साल से मुंबई में मजदूरी कर रहे थे. दसेक साल पहले उन्होंने किराये का एक कमरा ले किया और पत्नी और बच्चों को साथ ले गए. दोनों बेटे व बेटी वहीं पढ़ते थे.

विनीत बताते हैं, ‘लॉकडाउन में काम बंद हो जाने के बाद से वे गांव आने की कोशिश कर रहे थे. श्रमिक स्पेशल ट्रेन में रजिस्ट्रेशन कराने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने बस के सहारे किसी तरह झांसी पहुंचे. वहां से गांव के लिए निकले, लेकिन उनका सफर रास्ते में ही खत्म हो गया.’

(लेखक गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक हैं.)

slot gacor slot hoki Bocoran Admin Jarwo slot gacor dominoqq bandarqq deposit 50 bonus 50 idn poker rtp live slot hoki slot pulsa slot demo Akun Pro Kamboja Judi Bola dominoqq Pkv Games judi bola piala dunia u20 Slot Gacor main slot Slot Hoki Akun Pro Kamboja dominoqq BandarQQ DominoQQ dominoqq pkv games idn slot rtp live Pkv Games Deposit 50 Bonus 50 Judi Mix Parlay Pkv slot gacor Akun Slot Kamboja pkv idn poker slot pulsa slot77 akun pro kamboja pkv games Bocoran Admin Jarwo slot hoki akun pro kamboja Dominoqq bandarqq Judi Bola slot gacor slot gacor dominoqq Dominoqq pkv games idn slot slot ovo bandarqq slot pulsa slot demo slot demo pg soft idn poker