दक्षिण पश्चिम कोलकाता में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने अपने दुर्गा पूजा पंडाल में दुर्गा की प्रतिमा को जिस असुर का वध करते हुए दिखाया गया है, वह महात्मा गांधी की तरह दिख रहा था. इसे लेकर हुए विवाद के बीच पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आयोजकों द्वारा असुर प्रतिमा के सिर पर विग और चेहरे पर मूंछें लगा दी गई हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: महिषासुर की याद में नवरात्र की शुरुआत के साथ दशहरा यानी दस दिनों तक असुर शोक मनाते हैं. इस दौरान किसी किस्म की रीति-रस्म या परपंरा को नहीं निभाया जाता.
हिंदू धर्म आज तक अगर प्राणवान रहा है तो राजाओं, अदालतों और पुलिस या लठैतों के बल पर नहीं. उसकी प्राणवत्ता परस्पर विरोधी स्वरों को सुनने और बोलने देने की उसकी तत्परता में रही है. उसे किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं.
आज महिषासुर एक ऐतिहासिक चरित्र से मिथक बन चुका है. इतिहास के अति लोकप्रिय नायक मिथक हो जाया करते हैं. महिषासुर का इतिहास तो लोकमानस की यादों में जीवित है, उसे इतिहास ग्रंथों में खोजना बेईमानी है.
छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले में आदिवासियों ने महिषासुर को पूर्वज बताते हुए दुर्गा पूजा समिति के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया है तो मध्य प्रदेश के बैतूल में रावण वध के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहा है.