केंद्र ने राज्यसभा में बताया है कि उसके पास ‘शेल कंपनियों’ के बारे में कोई जानकारी नहीं है, जबकि सरकार ने 2018 और 2021 के बीच 2,38,223 शेल कंपनियों की पहचान की थी और 2017 में एक टास्क फोर्स का भी गठन किया था. आम तौर पर ‘शेल कंपनियों’ के तौर पर कर चोरी समेत अवैध गतिविधियों में शामिल कंपनियों को संदर्भित किया जाता है.
पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने कहा है कि हमारे राज्यपाल ने निराधार आरोप लगाए हैं. अगर उन्हें लगता है कि वह निगरानी में है तो उसे सबूत देना चाहिए.