आम आदमी पार्टी की तिरंगा यात्रा बहुसंख्यकवादी राष्ट्रवाद का ही नमूना है

आम आदमी पार्टी का दावा है कि उसके तिरंगे के रंग पक्के हैं. शुद्ध घी की तरह ही वह शुद्ध राष्ट्रवाद का कारोबार कर रही है. भारत और अभी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को राष्ट्रवाद का असली स्वाद अगर चाहिए तो वे उसकी दुकान पर आएं. उसकी राष्ट्रवाद की दाल में हिंदूवाद की छौंक और सुशासन के बघार का वादा है.

बहुसंख्यकवादी प्रवृत्तियां जब भी सिर उठाती हैं, उस पर सवाल उठाया जाना चाहिए: जस्टिस चंद्रचूड़

एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि अधिनायकवाद, नागरिक स्वतंत्रता पर रोक, लैंगिकवाद, जातिवाद, धर्म या क्षेत्र के आधार पर भेदभाव खत्म करना, पवित्र वादा है, जो भारत को संवैधानिक गणराज्य के रूप में स्वीकार करने वाले हमारे पूर्वजों से किया गया था.

क्या कोविड महामारी को सामाजिक बदलाव लाने के मौक़े के तौर पर देखा जा सकता है?

बीते कुछ सालों से बहुसंख्यकवाद पर सामाजिक ऊर्जा और विचार दोनों ख़र्च किए गए, लेकिन आज संकट की इस घड़ी में बहुसंख्यकवादी इंफ्रास्ट्रक्चर कितना काम आ रहा है? महामारी ने यह अवसर दिया है कि अपनी प्राथमिकताएं बदलकर संकुचित, उग्र और छद्म राष्ट्रवाद को त्याग दिया जाए.