भारतीय वायु सेना के उप-प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह का बयान ऐसे समय में सामने आया है जब केंद्र सरकार रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' नीति पर जोर दे रही है. उन्होंने कहा कि वायुसेना के लगभग 65 से 70 प्रतिशत लड़ाकू विमान रूसी हैं और उनमें से अधिकांश को या तो तत्काल अपग्रेड करने की आवश्यकता है या वो कार्यमुक्ति की कगार पर हैं.
नई दिल्ली स्थित लाल क़िले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की रूपरेखा पेश करते हुए राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान, हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने की योजना समेत कई घोषणाएं कीं.
वीडियो: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ मुहिम के तहत 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस मुद्दे पर डिफेंस पत्रकार राहुल बेदी से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया है कि 2014 के पहले देश में मोबाइल बनाने वाली सिर्फ 2 कंपनियां थीं, आज मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की संख्या 120 हो गई है. सवाल है कि कंपनियों की संख्या 2 से 120 हो जाने पर कितने लोगों को रोज़गार मिला?
मुद्दा ये नहीं है कि आप किसका समर्थन करते हैं. आप बिल्कुल उन्हीं को चुने जिसका आपको मन है, लेकिन ये उम्मीद ज़रूर है कि आप अपने विवेक पर पर्दा न डालें.
दक्षिणी मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर 2016 में हुए 'मेक इन इंडिया' समारोह के चलते समुद्री तट को काफी नुकसान हुआ है. अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत करने को भी कहा है.
किसी बेरोज़गार के लिए दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम करने वाली कोई भी कमाई सांत्वना देने वाली होगी, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें गर्व का अनुभव नहीं कर सकते, न ही उन्हें करना चाहिए.
जन गण मन की बात की 121वीं कड़ी में विनोद दुआ मेक इन इंडिया और देश में रोज़गार की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 60वीं कड़ी में विनोद दुआ पशुवध पर पाबंदी और मेक इन इंडिया पर चर्चा कर रहे हैं.
मोदी यह समझाने की कितनी भी कोशिश करें कि उनके आने से बदलाव आया है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था से जुड़े अधिकांश क्षेत्रों में सरकार प्रगति करने के लिए जूझती नज़र आ रही है.
केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी सरकार पिछले तीन सालों में हर मोर्चे पर बुरी तरह से असफल नज़र आई है.
आंकड़े मोदी सरकार की नाकामी बयान कर रहे हैं. जनता के पास ‘विकास पुरुष’ के प्रति आस्था के अलावा और कुछ नहीं है.