मणिपुर के मुख्यमंत्री के पैतृक आवास पर भीड़ ने हमला करने की कोशिश की

मणिपुर की इंफाल घाटी में सुरक्षा व्यवस्था और कर्फ्यू के बावजूद भीड़ ने बृहस्पतिवार रात मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के ख़ाली पड़े पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की. यह घटना दो मेईतेई छात्रों के शव की तस्वीरें सामने आने के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बीच हुई है. दोनों दो महीने से अधिक समय से लापता थे.

मणिपुर: इंटरनेट बहाल होने के कुछ दिन बाद राज्य सरकार ने दोबारा प्रतिबंध लगाया

संघर्षग्रस्त मणिपुर की सरकार ने बीते ​23 सितंबर को क़रीब 143 दिन बाद इंटरनेट बहाल किए जाने की घोषणा की थी. इंटरनेट पर दोबारा प्रतिबंध की घोषणा दो मेईतेई छात्रों के शव की वायरल तस्वीरों को लेकर शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बीच की गई है. दोनों छात्र दो महीने से अधिक समय से लापता थे.

मणिपुर हिंसा पर रिपोर्ट को लेकर राज्य के पत्रकार संगठनों ने एडिटर्स गिल्ड को क़ानूनी नोटिस भेजा

ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर ने राज्य में जारी हिंसा पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को ‘पक्षपाती और प्रायोजित’ बताते हुए मांग की है कि गिल्ड अपने सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट से रिपोर्ट, मणिपुर के पत्रकारों के ख़िलाफ़ 'अपमानजनक' बयान हटाए.

मणिपुर: असम राइफल्स ने पुलिस को लिखा- उपद्रवी अपने वाहन मॉडिफाई कर सैन्य ट्रक जैसे बना रहे

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच असम राइफल्स ने राज्य पुलिस को पत्र लिखकर कहा है कि कुछ मेईतेई उपद्रवियों ने इस्तेमाल किए हुए ट्रक खरीदकर उनका रंग-रोगन करके, उन पर असम राइफल्स का चिह्न लगाकर सैन्य वाहनों के समान बनाया है. ऐसा असम राइफल्स की छवि ख़राब करने के लिए किया जा रहा है.

मणिपुर: भीड़ के पुलिस थानों पर हमले के प्रयासों के बीच इंफाल में फिर कर्फ्यू प्रतिबंध लगाए गए

अत्याधुनिक हथियार रखने और पुलिसकर्मियों का भेस बनाने को लेकर यूएपीए के आरोप में गिरफ़्तार पांच लोगों की रिहाई की मांग करते हुए मेईतेई समूहों ने कई पुलिस थानों पर हमला किया था. इसके बाद इंफाल पूर्व और पश्चिम ज़िलों में दी जाने वाली कर्फ्यू में छूट को बंद कर दिया गया है.

मणिपुर हिंसा: डिफेंस सर्विस कॉर्प्स के सैनिक का अपहरण कर हत्या

मणिपुर के इंफाल पश्चिम ज़िले में डिफेंस सर्विस कॉर्प्स के सैनिक सर्टो थांगथांग कोम का 16 सितंबर को उनके घर से अपहरण कर लिया गया था. कमेटी फॉर ट्राइबल यूनियन की ओर से कहा गया है कि ऐसे बर्बर कृत्य से पता चलता है कि कैसे सशस्त्र मेईतेई बदमाशों को इंफाल घाटी में बिना किसी हिचकिचाहट के आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्वतंत्र रूप से घूमने की अनुमति दी गई है.

सुरक्षा बलों के ख़िलाफ़ मणिपुर सरकार का बयान उसकी पुलिस के बयान का विरोधाभासी है: रिपोर्ट

8 सितंबर को हुई एक सशस्त्र समूह और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी की घटना को लेकर मणिपुर की एन. बीरेन सिंह सरकार ने 'केंद्रीय सुरक्षा बलों' की निंदा की है, वहीं पुलिस द्वारा प्रेस को दिए बयान में इसे 'संयुक्त अभियान' बताया गया है. 

एडिटर्स गिल्ड ने कहा- सेना ने पत्र लिखकर मणिपुर बुलाया था, स्थानीय मीडिया पर उठाए थे सवाल

हिंसाग्रस्त मणिपुर संबंधी एक फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को लेकर राज्य पुलिस द्वारा अपने खिलाफ दायर की गई एफ़आईआर का सामना कर रहे एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में बतया कि ​सेना के अनुरोध पर उसकी ​टीम ने वहां का दौरा किया था. पत्र में सेना ने स्थानीय मीडिया पर एक समुदाय के प्रति पक्षपाती होने का आरोप लगाया था.

मणिपुर: भाजपा नेता ने कहा- पार्टी के कुकी विधायक इस्तीफ़ा दे दें और दूसरे राज्य से चुनाव लड़ें

मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा के बाद कुकी-जो आदिवासी समुदाय से आने वाले 10 विधायक अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं. इनमें से 7 सत्तारूढ़ भाजपा के हैं. भाजपा विधायक और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि अगर वे ‘शांति के लिए काम करने’ को लेकर गंभीर नहीं तो ‘इस्तीफा दे दें’.

मणिपुर हिंसा: राज्य सरकार ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की ‘अवांछित कार्रवाई’ की निंदा की

बीते 8 सितंबर को मणिपुर के टेंगनौपाल ज़िले के पलेल में हुई गोलीबारी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे. इस दौरान पलेल के पास मोलनोई गांव में सुरक्षा बलों और हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी हो गई थी. राज्य मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार को घटना से अवगत कराने की बात कही है.

केंद्र ने मणिपुर हिंसा शुरू होने के बाद राज्य सरकार से मिले इनपुट पर जानकारी देने से इनकार किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन ने मणिपुर में क़ानून और व्यवस्था की स्थिति पर नियमित रूप से प्राप्त रिपोर्ट पर आरटीआई अधिनियम की धारा 8(1)(ए) और धारा 24 के तहत जानकारी देने से इनकार किया है.

मणिपुर: आख़िरी कुकी परिवारों को इंफाल से हटाया गया, सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए

वीडियो: 2 सितंबर को असम राइफल्स के जवानों और मणिपुर पुलिस की एक टीम इंफाल के न्यू लैंबूलेन इलाके में रहने वाले कुछ कुकी परिवारों को जबरन निकालने के लिए पहुंची थी, जो शहर में बचे समुदाय के कुछ आख़िरी परिवार थे. अब उन्हें राजधानी से 25 किलोमीटर दूर कांगपोकपी ज़िले के एक गांव में भेजा गया है.

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