वीडियो: बीते बुधवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर मणिपुर में हुई जातीय हिंसा के विरोध में ‘ट्राइबल सॉलीडैरिटी प्रोटेस्ट’ का आयोजन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद रहे और एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य की भाजपा सरकार को हटाने की मांग की है.
मणिपुर के अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता खिलाड़ियों ने कहा है कि अगर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर की अखंडता की सुरक्षा के बारे में आश्वासन नहीं देते हैं, तो हम भारत सरकार द्वारा दिए गए पुरस्कार लौटा देंगे. मांग पूरी नहीं हुई तो भविष्य में खिलाड़ी भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे और न ही किसी को प्रशिक्षित करेंगे.
वीडियो: मणिपुर में आदिवासी और गैर आदिवासी समुदायों के बीच तनाव जारी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर हैं. इस बीच कुकी समुदाय ने नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करते हुए उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि मणिपुर में भड़की हिंसा का उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है. यह मुख्य रूप से दो जातियों के बीच का संघर्ष है. वहीं, मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा था कि राज्य में अशांति ‘समुदायों के बीच लड़ाई’ के कारण नहीं है.
वीडियो: मणिपुर में इस महीने की शुरुआत में हुई हिंसा के बाद बीते हफ्ते फिर हिंसा की घटनाएं देखने को मिलीं. इसके बाद सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर पहुंचे हैं. इस बीच, राज्य में कई जगह कर्फ्यू लगाया गया, किसी क्षेत्र से फायरिंग की आवाज़ें भी सुनने को मिलीं.
29 मई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले मणिपुर के इंफाल में सड़क के बीचों-बीच टायर जलाए जाने और कुछ स्थानों पर रात में गोलियां चलने के साथ स्थिति तनावपूर्ण रही.
मणिपुर में 3 मई से हुई हिंसक झड़पों में 75 से अधिक लोग मारे गए हैं, लगभग 200 घायल हुए और क़रीब 40,000 लोग विस्थापित हुए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे से पहले हुई हालिया हिंसा में रविवार को अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम छह नागरिकों और दो पुलिस कमांडो की मौत हुई है.
मणिपुर में हिंसक विरोध फिर तेज़ हो गया है, जहां 25 मई को भीड़ ने केंद्रीय विदेश और शिक्षा राज्यमंत्री आरके रंजन सिंह के पूर्वी इंफाल ज़िले के कोंगबा स्थित घर में घुसने की कोशिश की. उधर, मुख्यमंत्री ने बताया कि 38 संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां केंद्रीय और राज्य बलों के जवान संयुक्त रूप से काम करेंगे.
मणिपुर में हुईं हिंसक झड़पों पर अपने पहले सार्वजनिक बयान में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि छह साल से हम सब शांतिपूर्वक एक साथ आगे बढ़े हैं. एक भी बंद नहीं था, एक भी नाकाबंदी नहीं थी. एक अदालत के एक आदेश की वजह से जो विवाद हुआ है, उसे बातचीत और शांति से सुलझाएंगे.
मणिपुर में बिष्णुपुर ज़िले ताज़ा हिंसा भड़कने के बाद फिर से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. राज्य में बीते 3 मई को कुकी और मेईतेई समुदायों के बीच जातीय हिंसा बढ़ने के बाद लगातार हिंसा जारी है. कुकी समेत अन्य आदिवासी समुदाय मेईतेई समाज के एसटी दर्जा देने की मांग का विरोध कर रहे हैं.
उत्तर-पूर्व में जातीय संघर्ष की लंबी सामाजिक और सांस्कृतिक जड़ें हैं. मणिपुर में जारी वर्तमान अराजकता जातीय राजनीतिक आकांक्षाओं से जुड़ी हुई है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर-पूर्व भारत में दशकों पुराने उग्रवादी अलगाववादी आंदोलनों के बीच जातीय विभाजन को मजबूत करने में धर्म ने एक बढ़ती हुई भूमिका निभानी शुरू कर दी है.
मणिपुर में रविवार और सोमवार को फिर हिंसा भड़क गई, जिसके चलते कर्फ्यू में दी गई ढील को दो घंटे कम कर दिया गया है. इंटरनेट पर प्रतिबंध 26 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. हालिया हिंसा के संबंध में पुलिस ने तीन व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया है, जिनमें एक पूर्व विधायक भी शामिल हैं.
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