कूनो में दो और चीता शावकों की मौत समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

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मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में  गुरुवार को दो और चीता शावकों की मौत हो गई. प्रदेश के वन विभाग के अनुसार, शावकों की मौत की वजह अत्यधिक गर्मी हो सकती है. बताया गया है कि कूनो में तापमान 46-47 डिग्री सेल्सियस था. प्रोजेक्ट चीता के तहत अफ्रीका से लाए गए चीतों में से एक ‘ज्वाला’ ने मार्च महीने में चार शावकों को जन्म दिया था, जिनमें से एक ने बीते मंगलवार (23 मई) को दम तोड़ दिया था. अब तक कूनो में कुल छह चीतों- तीन वयस्क और तीन शावकों की मौत हो चुकी है.

आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंदर जैन की जेल में गिरने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. बीते साल मई महीने से कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद जैन गुरुवार को शौचालय में गिर गए थे. नवभारत टाइम्स के मुताबिक, उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट आई है. उन्हें पहले दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन सांस लेने में दिक्कत होने पर एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती किया गया.

कर्नाटक में अमूल को लेकर विवाद के बाद अब तमिलनाडु में इस डेयरी कंपनी को दूध खरीदने से रोकने की मांग उठी है. एनडीटीवी के अनुसार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कहा है कि ‘अमूल’ को तत्काल प्रभाव से तमिलनाडु में दूध की खरीद बंद करने का निर्देश दिया जाए. स्टालिन ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार को ज्ञात हुआ है कि अमूल ने कृष्णागिरि जिले में ‘चिलिंग सेंटर’ और प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करने के लिए अपने बहु-राज्य सहकारी लाइसेंस का उपयोग किया है. भारत में यह एक नियम रहा है कि सहकारी समितियों को एक-दूसरे के ‘मिल्क-शेड’ क्षेत्र का उल्लंघन किए बिना फलने-फूलने दिया जाए. इस तरह एक-दूसरे की खरीद में हस्तक्षेप श्वेत क्रांति की भावना के खिलाफ है. तमिलनाडु में ‘आविन’ के तहत डेयरी को-ऑपरेटिव सोसाइटीज़ काम करती हैं. स्टालिन का कहना है कि अमूल आविन के ‘मिल्क-शेड’ क्षेत्र का उल्लंघन कर रहा है, जिससे सहकारी समितियों के बीच ख़राब प्रतिस्पर्धा शुरू होगी.

गांबिया में भारतीय कफ सीरप पीने से हुई सत्तर बच्चों की मौत के दावे की एक और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट ने पुष्टि की है. द वायर की एक रिपोर्ट बताती है कि गांबिया में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा तैयार एक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि भारतीय कंपनी मेडन फार्मा की दवाइयों में मौजूद टॉक्सिन-डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी), वहां सत्तर बच्चों की मौत की वजह थे. ऐसा निष्कर्ष देने वाली यह चौथी रिपोर्ट है. भारत सरकार अब तक उक्त दवाओं में टॉक्सिन की मौजूदगी की बात से इनकार करती रही है.

मणिपुर के बिष्णुपुर ज़िले ताज़ा हिंसा भड़कने के बाद फिर से अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है. वहीं, एक अन्य घटना में बिष्णुपुर जिले में ही बुधवार शाम को राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोविंददास कोंथौजम के घर में तोड़फोड़ की गई. घटना के समय मंत्री और उनके परिवार का कोई सदस्य घर में नहीं था. कोंथौजम बिष्णुपुर से मौजूदा भाजपा विधायक हैं.

उत्तर प्रदेश में मार्च, 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य में 186 एनकाउंटर हुए हैं. इंडियन एक्सप्रेस द्वारा पुलिस रिकॉर्ड्स की पड़ताल बताती है कि इसका अर्थ है कि हर पखवाड़े में पुलिस में एक कथित अपराधी को मारा है. अगर पुलिस द्वारा घायल करने के इरादे से गोली चलाने (पैर की तरफ) की बात करें, तो इसकी संख्या इस अवधि में 5,046 रही- यानी हर पंद्रह दिन में 30 कथित अपराधियों पर गोली चली और उन्हें घायल किया गया.

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ का कहना है कि विज्ञान के सिद्धांतों का मूल वेदों में है. अमर उजाला के अनुसार, सोमनाथ उज्जैन में महर्षि पाणिनी संस्कृत और वैदिक यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में मौजूद थे, जहां उन्होंने कहा है कि बीजगणित, वर्गमूल, समय की अवधारणा, वास्तुकला, ब्रह्मांड की संरचना, धातु विज्ञान और यहां तक कि विमानन जैसी वैज्ञानिक अवधारणाएं सबसे पहले वेदों में पाई गई थीं.अरब देशों से होते हुए ये सिद्धांत पश्चिमी देश पहुंचे, जहां उन्होंने इन्हें अलग तरह से पेश कर अपना बता दिया.