बीते नवंबर में मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार कर एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया. उन पर सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आलोचना करने का आरोप है. किशोरचंद्र की पत्नी रंजीता एलांगबम और उनके वकील श्रीजी भावसार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन, मणिपुर स्टूडेंट्स फेडरेशन और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स एलायंस ऑफ मणिपुर जैसे छात्र संगठनों ने कहा कि राष्ट्रपति के बयान से विधेयक को उनके समर्थन का संकेत मिलता है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की इच्छाओं के ख़िलाफ़ है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुरी पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के क़ैद की निंदा करते हुए लिखा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बुरी ताकतें हिंसा फैला रही हैं, जबकि राज्य से जवाबदेही लेने वालों को जेल की सज़ा हो रही है.'
ग़ैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद भाजपा के प्रवक्ता मेहदी आलम बोरा ने कहा कि यह विधेयक असमिया समाज के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को प्रभावित करेगा, इस पर मैं पार्टी से सहमत नहीं इसलिए पार्टी छोड़ रहा हूं.
विधेयक का विरोध कर रही असम गण परिषद ने असम की भाजपा सरकार से वापस लिया समर्थन. बिल के तहत मिल सकेगी बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के ग़ैर-मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता.
मुख्यमंत्री और राज्य सरकार की आलोचना करने पर रासुका के तहत गिरफ़्तार किए गए पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के प्रति स्थानीय पत्रकारों के 'पक्षपातपूर्ण' रवैये पर विरोध ज़ाहिर करते हुए मणिपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ ने परिसर में इम्फाल से निकलने वाले अख़बारों के बहिष्कार की घोषणा की है.
इम्फाल के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को बीते 26 नवंबर को सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते वीडियो अपलोड करने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कथित तौर पर अपमानजनक शब्द बोलने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया था.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, असम, नगालैंड और मेघालय के प्रमुख समाचार.
आफ्स्पा सैन्य बलों को शांति के लिए ख़तरा माने जाने वालों पर गोली चलाने की आज़ादी देता है, लेकिन यह उन्हें फ़र्ज़ी मुठभेड़ या दूसरी तरह के अत्याचार करने का अधिकार प्रदान नहीं करता.
इम्फाल के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार की आलोचना करते वीडियो अपलोड करने और मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को कथित तौर पर अपमानजनक शब्द बोलने के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है
मणिपुर और जम्मू कश्मीर में सशस्त्र कार्रवाई में शामिल सैनिकों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज किए जाने को चुनौती देते हुए 300 से अधिक सैन्यकर्मियों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मिज़ोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, मणिपुर और असम के प्रमुख समाचार.
पुलिसकर्मियों ने याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि पीठ ने कुछ आरोपियों को पहले ही अपनी टिप्पणी में ‘हत्यारा’ बताया था. कोर्ट ने कहा कि एसआईटी द्वारा इन मामलों में की जा रही जांच पर संदेह का कोई कारण नहीं है.
क्या सैनिकों के ऐसे क़दम को सर्वोच्च अदालत के फैसले की जानबूझकर अवज्ञा माना जाए या आर्मी एक्ट के बुनियादी उसूलों का उल्लंघन? ये याचिकाएं भले राजनीतिक रूप से प्रेरित न हों, लेकिन ग़लत मशविरे का परिणाम लगती हैं. साथ ही यह उस ‘अनुशासन’ के ख़िलाफ़ हैं, जिसका प्रतिनिधित्व भारतीय सेना करती है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, त्रिपुरा, मिज़ोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के प्रमुख समाचार.