मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर पायल तड़वी ने कथित तौर पर अपनी सीनियर डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग आकर मई 2019 में आत्महत्या कर ली थी. आरोपियों के मेडिकल लाइसेंस बहाल होने पर पायल के परिवार ने आपत्ति जताई है.
2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित वेमुला और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने कथित तौर पर जातिगत भेदभाव के चलते आत्महत्या कर ली थी. दोनों की माताओं ने शीर्ष अदालत से विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में ऐसे भेदभाव को ख़त्म किए जाने का अनुरोध किया है.
कथित तौर पर जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताते हुए हैदराबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे रोहित वेमुला ने साल 2016 में और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने आत्महत्या कर ली थी.
एम्स के प्रोफेसर एलआर मुर्मु ने कहा, पहले कार्यक्रम 13 मई को प्रस्तावित किया गया था और अगर यह उस दिन आयोजित किया जाता तो शायद यह संदेश पायल तक पहुंचता. तब शायद वह अपना फैसला बदल देती.
आरोप है कि मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में रेजिडेंट डॉ. पायल सलमान तड़वी ने अपने वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग आकर 22 मई को आत्महत्या कर ली थी. आरोप है कि वरिष्ठ डॉक्टर उन पर जातिसूचक फब्तियां कसते थे.
मुंबई के नायर अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी पर उनके वरिष्ठ डॉक्टर जातिसूचक फब्तियां कसते थे.
डॉक्टरों पर मरीजों के परिजन द्वारा बढ़ते हमले के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र के तकरीबन चार हज़ार डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे. बॉम्बे हाईकोर्ट की दख़ल के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल ख़त्म कर दी है. हालांकि इस दौरान तकरीबन 150 मरीज़ों की मौत हो चुकी है.