केंद्रीय बजट में मुस्लिमों को क्या मिला है?

इस बजट में मुसलमानों के उत्थान और उनकी शिक्षा के लिए चल रही तमाम योजनाओं में कटौती की गई है. यह स्पष्ट है कि भाजपा के लिए मुसलमान का कोई मोल नहीं है.

छात्रों ने मौलाना आज़ाद छात्रवृत्ति राशि में बढ़ोतरी न करने के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया

केंद्र सरकार ने मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप (एमएएनएफ) योजना को बंद कर दिया है. देश के लगभग 30 विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं और डॉक्टरेट छात्रों ने अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार मौजूदा एमएएनएफ फेलो के लिए छात्रवृत्ति राशि में वृद्धि नहीं करके अल्पसंख्यक छात्रों के ख़िलाफ़ भेदभाव कर रही है.

मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फेलोशिप के पात्र विद्यार्थियों को महीनों से नहीं मिली अनुदान राशि

केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा संचालित मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फेलोशिप योजना के लाभार्थियों को महीनों से उनकी अनुदान राशि न मिलने के चलते उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. कुछ तो अपनी पढ़ाई छोड़ने पर भी विचार कर रहे हैं. सरकार द्वारा पिछले दिसंबर में कहा गया था कि अब से इस फेलोशिप को बंद किया जा रहा है.

सरकार ने अल्पसंख्यक छात्रों के लिए चलने वाली ‘पढ़ो प्रदेश’ योजना बंद की: रिपोर्ट

'पढ़ो प्रदेश ब्याज सब्सिडी योजना' के तहत अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को विदेश में पढ़ाई हेतु लिए गए ऋण पर ब्याज में सब्सिडी दी जाती थी. 2006 में शुरू हुई यह योजना अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री के पंद्रह सूत्रीय कार्यक्रम का हिस्सा थी.

केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के शोधार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति बंद की

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बताया कि अल्पसंख्यक समुदायों के रिसर्च स्कॉलर्स को मिलने वाली मौलाना आज़ाद नेशनल फेलोशिप को इस शैक्षणिक वर्ष से बंद किया जा रहा है. यह फेलोशिप सच्चर समिति की सिफ़ारिशों को लागू करने के लिए यूपीए शासनकाल में शुरू की गई थी.

जम्मू कश्मीर: 2011 में लिखे लेख को लेकर पुलिस ने पीएचडी छात्र को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया

कश्मीर विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र अब्दुल आला फ़ाज़िली ने क़रीब 11 वर्ष पहले 6 नवंबर 2021 को ऑनलाइन पत्रिका ‘द कश्मीर वाला’ में एक लेख लिखा था. पुलिस का कहना है कि वह लेख अत्यधिक भड़काऊ था और जम्मू कश्मीर में अशांति खड़ा करने के इरादे से लिखा गया था. इसका मक़सद आतंकवाद का महिमामंडन करके युवाओं को हिंसा का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित करना था.