संभावित सर्विलांस के निशाने पर थे अनिल अंबानी और दासो एविएशन के भारतीय प्रतिनिधि

पेगासस प्रोजेक्ट: द वायर और इसके सहयोगियों द्वारा लीक हुए डेटाबेस की जांच में इज़रायली कंपनी एनएसओ ग्रुप की ग्राहक अज्ञात भारतीय एजेंसी द्वारा निगरानी के संभावित टारगेट के तौर पर अनिल अंबानी और उनके रिलायंस समूह के एक अधिकारी द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले फोन नंबर भी मिले हैं.

दलाई लामा के क़रीबी, तिब्बत के अधिकारियों पर थी एनएसओ ग्रुप के क्लाइंट की नज़र

पेगासस प्रोजेक्ट: लीक हुए डेटाबेस से पता चला है कि कई तिब्बती अधिकारी, कार्यकर्ता और धर्मगुरु के फोन नंबर 2017 के अंत से 2019 की शुरुआत तक पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये निगरानी के लिए चिह्नित किए गए थे.

निगरानी सूची में असम और नगा शांति वार्ता से जुड़े बड़े नेताओं के नंबर शामिल

पेगासस प्रोजेक्ट: असम के दो बड़े नेताओं, एक मणिपुरी लेखक और प्रभावशाली नगा संगठन एनएससीएन-आईएम के कई नेताओं के नंबर उस सूची में दर्ज हैं, जिनके फोन को पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये हैक कर निगरानी करने की संभावना जताई जा रही है.

पेगासस जासूसी: तीन हफ़्ते पहले एनएसओ ने स्पायवेयर के दुरुपयोग को किया था स्वीकार

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेगासस स्पायवेयर विकसित करने वाले इज़रायल के एनएसओ ग्रुप ने अपने एक दस्तावेज़ में स्वीकार किया था कि इसका दुरुपयोग किया जा सकता है. इसके ज़रिये ऐसी जानकारी भी निकाली जा सकती है जो किसी व्यक्ति को ठेस पहुंचाती हो और राष्ट्रीय सुरक्षा या क़ानून के पालन से न जुड़ी हो.

पेगासस जासूसी: सर्विलांस के आरोपों पर भारत के खंडन के बीच फ्रांस और इज़रायल ने दिए जांच के आदेश

पेगासस प्रोजेक्ट द्वारा सर्विलांस के संभावित लक्ष्यों वाले लीक डेटाबेस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का नंबर होने की जानकारी सामने आने के 24 घंटों के अंदर ही फ्रांस ने मामले की जांच के आदेश दिए. वहीं, इज़रायल ने आरोपों की जांच के लिए अंतर-मंत्रालयी टीम गठित की है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने झूठी ख़बरों को लताड़ा, कहा- पेगासस प्रोजेक्ट के तथ्यों के साथ हैं

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी इज़रायल इकाई द्वारा जारी एक हिब्रू बयान को ग़लत तरीके से उद्धृत करने, ग़लत अनुवाद करने और ग़लत व्याख्या करने वाली कुछ वेबसाइटों की ख़बरों को लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है. संगठन की ओर से कहा गया है कि इन ख़बरों का इस्तेमाल मोदी सरकार द्वारा उन आरोपों को ख़ारिज करने के प्रयास में किया जा रहा है कि भारत में एक आधिकारिक एजेंसी पत्रकारों और विपक्षी राजनेताओं की जासूसी कर रही है.

भारतीय सभ्यता के संदर्भ में धर्मनिरपेक्षता को परिभाषित किया जाए: हिमंता बिस्वा शर्मा

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने वामपंथी बुद्धिजीवियों, उदारवादियों और मीडिया पर निशाना साधते हुए दावा किया कि देश के बौद्धिक समाज में अब भी वाम.उदारवादियों का वर्चस्व है और मीडिया ने वैकल्पिक आवाजों की अनदेखी करते हुए उन्हें ज़्यादा स्थान दिया है. उन्होंने कहा कि वामपंथी सोच को चुनौती दी जानी चाहिए और अस्तित्व के लिए हमारे लंबे संघर्ष, इतिहास पर आधारित अधिक विचारोत्तेजक पुस्तकों को सही परिप्रेक्ष्य में तैयार किया जाना चाहिए.

एडिटर्स गिल्ड ने पेगासस फोन टैपिंग आरोपों की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर समेत 16 मीडिया संगठनों द्वारा की गई पड़ताल दिखाती है कि इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा स्वतंत्र पत्रकारों, स्तंभकारों, क्षेत्रीय मीडिया के साथ हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, द वायर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे, द पायनियर जैसे राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों को भी निशाना बनाया गया था.

पेगासस जासूसी के निशाने पर आंबेडकरवादी, श्रम कार्यकर्ता और जेएनयू छात्र भी थे

वीडियो: पेगासस प्रोजेक्ट द्वारा प्राप्त किए गए लीक डेटाबेस में ऐसे कई जाति-विरोधी एवं नामी कार्यकर्ताओं के नंबर शामिल हैं, जिनकी इज़रायल स्थित एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर द्वारा निगरानी किए जाने की संभावना है. इसमें आंबेडकरवादी कार्यकर्ता अशोक भारती, जेएनयू के छात्र उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कार्य करने वाली बेला भाटिया आदि के नंबर शामिल हैं.

पेगासस जासूसी: हम जनतंत्र का भ्रम जी रहे हैं…

जनता जागरूक तभी हो सकती है जब वह बाख़बर हो. पिछले 7 सालों से भारत की जनता के बड़े हिस्से तक पहुंच रखने वाले समाचार-समूहों ने जैसे तय कर लिया है कि वह उसे वो ख़बर नहीं देंगे जो उसके जनतांत्रिक नागरिक के दर्जे पर असर डालने वाली होगी. इतना ही नहीं वे सूचना को विकृत करके जनता तक पहुंचाते हैं.

कांग्रेस ने भाजपा पर चुनी हुईं सरकारों को पेगासस का इस्तेमाल कर गिराने का आरोप लगाया

पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर द्वारा की गई समीक्षा में सामने आया है कर्नाटक में 2019 में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार गिरने से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को संभावित हैकिंग के लिए बतौर टारगेट चुना गया था. कांग्रेस ने पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की है.

कर्नाटक: 2019 में कांग्रेस सरकार गिराने में पेगासस की जासूसी का इस्तेमाल?

वीडियो: इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के अज्ञात भारतीय क्लाइंट की दिलचस्पी वाले फोन नंबरों के रिकॉर्ड की द वायर द्वारा की गई समीक्षा के अनुसार, जुलाई 2019 में कर्नाटक में विपक्ष की सरकार को गिराने के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों को निगरानी के लिए संभावित लक्ष्य के रूप में चुना गया था.

राहुल गांधी की जासूसी पर कांग्रेस नेता शशि थरूर का जवाब

वीडियो: भारत में सिर्फ़ पत्रकार ही नहीं बल्कि विपक्षी दल के नेताओं के फ़ोन पर भी नज़र रखी जा रही थी. पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर और इसके मीडिया पार्टनर इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कम से कम दो मोबाइल फ़ोन भारत के उन 300 प्रमाणित नंबरों की सूची में शामिल हैं, जिनकी निगरानी करने के लिए इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के एक भारतीय क्लाइंट द्वारा पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल करने

संभावित सर्विलांस के निशाने पर थे दुनियाभर के चौदह नेता

पेगासस प्रोजेक्ट: एनएसओ ग्रुप के ग्राहक देशों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों का लीक डेटा बताता है कि कम से कम एक शाही परिवार प्रमुख और वर्तमान में कार्यरत तीन राष्ट्रपतियों व तीन प्रधानमंत्रियों को पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये होने वाली संभावित हैकिंग के लिए चुना गया था.

सर्विलांस सूची में आंबेडकरवादियों से लेकर मज़दूर कार्यकर्ता और कई जेएनयू छात्रों के नाम शामिल

पेगासस प्रोजेक्ट: द वायर द्वारा प्राप्त किए गए लीक हुए नंबरों के डेटाबेस में केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने वाले ऐसे लोगों के नंबर दर्ज हैं, जिन संभावित सर्विलांस की योजना बनाई गई थी.

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