कब तक भूख और गोली से मारे जाएंगे आदिवासी?

सोनभद्र में किसी ने उन आदिवासियों की भुखमरी के हालात की तह में जाने की कोशिश तक नहीं की, यह सवाल नहीं पूछा कि मौत का ख़तरा होते हुए भी वे इस अनउपजाऊ क्षेत्र में ज़मीन से क्यों चिपके हुए थे?

पत्रकार नेहा दीक्षित को मिला इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम अवॉर्ड

कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स की ओर से दुनियाभर के साहसी पत्रकारों को सम्मानित करते हुए यह अवॉर्ड चार देशों के पांच पत्रकारों को दिया गया है. नेहा दीक्षित को यह सम्मान विभिन्न राज्यों में हुई ग़ैर-न्यायिक हत्याओं और रासुका के दुरुपयोग को लेकर की गई उनकी रिपोर्ट्स के लिए मिला है.

मीडिया बोल: मीडिया पर वित्त मंत्रालय की पाबंदी और कंगना रनौत

मीडिया बोल की इस कड़ी में वित्त मंत्रालय में पत्रकारों पर रोक और अभिनेत्री कंगना रनौत से पत्रकारों के विवाद पर हिंदुस्तान टाइम्स के राजनीतिक संपादक विनोद शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार टीके राजलक्ष्मी और फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना से चर्चा कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश.

आरफ़ा का इंडिया: साक्षी-अजितेश की प्रेम कहानी

वीडियो: उत्तर प्रदेश के बरेली से भाजपा विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल ने की बेटी साक्षी मिश्रा ने दलित युवक अजितेश से शादी करने के बाद पिता से अपनी जान का ख़तरा बताया था. इस मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

तिरंगा टीवी: बरखा दत्त ने कपिल सिब्बल पर लगाया कर्मचारियों का वेतन रोकने का आरोप

समाचार चैनल तिरंगा टीवी की सलाहकार संपादक बरखा दत्त ने कहा कि चैनल के प्रमोटर और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने जनवरी 2019 में चैनल के कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय न्यूनतम दो साल का कार्यकाल देने की बात कही थी, अब वे इससे पीछे हट रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने तमिल पत्रिका के ख़िलाफ़ मद्रास हाईकोर्ट में कार्यवाही पर लगाई रोक

एक निजी कॉलेज से जुड़े कथित सेक्स स्कैंडल के संबंध में तमिल पत्रिका नक्कीरन के ख़िलाफ़ राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को लेकर निंदात्मक लेख प्रकाशित करने के आरोप में तमिलनाडु राजभवन ने शिकायत दर्ज कराई थी.

मीडिया बोल: अरबों के सरकारी विज्ञापन में फंसी मीडिया की जान

मीडिया बोल की इस कड़ी में कुछ मीडिया संस्थानों को सरकारी विज्ञापन न देने के मोदी सरकार के फैसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन नाग, सत्य हिंदी वेबसाइट के संपादक आशुतोष और द वायर के सह-संस्थापक एमके वेणु से चर्चा कर रहे हैं उर्मिलेश.

पुस्तक समीक्षा: पत्रकार करण थापर के साक्षात्कारों के पीछे की कहानियां

नेताओं के स्तुतिगान करने के इस दौर में आमने-सामने बैठकर आंखों में आंखें डालकर कड़े और कठिन सवालों के लिए जाने जाने वाले करण थापर की किताब ‘मेरी अनसुनी कहानी’ को पढ़ना सुकून देता है, क्योंकि असहमति और सवाल पूछना ही लोकतंत्र की ताक़त है.

जम्मू कश्मीर: 28 साल पुराने मामले में गिरफ़्तार उर्दू अख़बार के संपादक को ज़मानत मिली

जम्मू कश्मीर पुलिस ने उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी को सोमवार देर रात गिरफ़्तार किया था. मंगलवार को उन्हें ज़मानत देते हुए स्थानीय अदालत ने पुलिस को फटकारते हुए कहा कि अगर क़ादरी 'घोषित अपराधी' थे तो दो बार उनका पासपोर्ट वेरीफिकेशन कैसे हुआ.

जम्मू कश्मीर: 28 साल पुराने मामले में उर्दू अख़बार के संपादक गिरफ़्तार

श्रीनगर से निकलने वाले उर्दू दैनिक आफ़ाक़ के संपादक और मालिक ग़ुलाम जिलानी क़ादरी को सोमवार देर रात उनके घर से गिरफ़्तार किया गया. पुलिस का कहना है कि 1992 में हुए एक मामले के संबंध में टाडा कोर्ट के समन पर ऐसा किया गया, वहीं क़ादरी के परिजनों का कहना है कि इसका उद्देश्य उन्हें प्रताड़ित करना है.

शुजात बुख़ारी की हत्या के एक साल बाद दर्द और सवाल दोनों ज़िंदा हैं

जून 2018 में भाजपा ने महबूबा सरकार से गठबंधन तोड़ते समय राज्यपाल शासन लगाने के कारणों में शुजात बुख़ारी की हत्या का ज़िक्र भी किया था. लेकिन, एक साल बाद भी बुख़ारी की हत्या का रहस्य बना हुआ है.

कर्नाटक: मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को गाली देने के आरोप में दो लोग गिरफ़्तार

सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो में दो युवक कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनके परिवार को कथित तौर पर गाली देते हुए नज़र आए थे.

मीडिया बोल: पत्रकारों की गिरफ़्तारी, यूपी पुलिस की योगी-शैली

मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक कंटेट प्रसारित करने को लेकर तीन पत्रकारों की गिरफ़्तारी पर वकील विराग गुप्ता और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनंत बागाईतकर से चर्चा कर रहे हैं.

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मीडिया ने केवल विपक्ष से सवाल पूछा: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने कहा कि सामान्य तौर पर मीडिया की भूमिका सरकार से सवाल पूछने की होती है. लेकिन यहां पर मीडिया ने केवल विपक्ष से सवाल पूछा. विपक्षी पार्टियों से सवाल पूछा गया कि उन्होंने 50 साल पहले कुछ क्यों नहीं किया? क्या मीडिया को यही करना होता है?

कर्नाटक: देवगौड़ा परिवार पर ख़बर के लिए अख़बार के संपादक और कर्मचारियों पर मामला दर्ज

अखबार ‘विश्ववाणी’ के संपादक विश्वेश्वर भट ने कहा कि खबर सूत्रों पर आधारित थी और अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वे स्पष्टीकरण जारी कर सकते थे. बहुत अधिक तो मानहानि का मामला दायर किया जा सकता था लेकिन प्राथमिकी दर्ज कराना एक नई परिपाटी शुरू करने जैसा है. मैं निश्चित रूप से अदालत में इसे चुनौती दूंगा.

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