जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती के इस्तीफ़े के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा ने राष्ट्रपति को भेजे एक पत्र में राज्य में केंद्र का शासन लागू करने की सिफ़ारिश की थी. राष्ट्रपति ने वोहरा की सिफ़ारिश को मंज़ूरी दे दी है.

पठानकोट में होगी कठुआ मामले की सुनवाई, महबूबा ने कहा इससे राज्य पुलिस का मनोबल बढ़ेगा

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को पठानकोट स्थानांतरित करने और फास्टट्रैक कोर्ट में दैनिक आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया है.

कठुआ मामले में सीबीआई जांच की ज़रूरत नहीं, राज्य की पुलिस ने अच्छी जांच की है: महबूबा मुफ़्ती

जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने इस मामले को अच्छी तरह संभाला है. कोई भी गलत कदम ऐसे हालातों को जन्म दे सकता था जहां पूरा राज्य सांप्रदायिकता की आग में जल गया होता.

कठुआ में बच्ची के साथ बलात्कार न होने की ‘दैनिक जागरण’ की​ रिपोर्ट झूठी है

विशेष रिपोर्ट: दैनिक जागरण ने बीते 20 अप्रैल को ‘कठुआ में बच्ची से नहीं हुआ था दुष्कर्म’ शीर्षक से एक रिपोर्ट अपने सभी प्रिंट और आॅनलाइन संस्करणों में प्रमुखता से प्रकाशित की थी.

कठुआ मामले में मीडिया रिपोर्ट ग़लत, जांच में साफ़ कि पीड़िता का यौन उत्पीड़न हुआ: जम्मू कश्मीर पुलिस

कठुआ मामला में बलात्कार न होने की मीडिया रिपोर्ट पर जम्मू कश्मीर पुलिस ने दिया स्पष्टीकरण, कहा मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर ही फाइल की गई है चार्जशीट.

मोदी की चुप्पी पर मनमोहन ने कहा, जो सलाह मुझे देते थे उस पर उन्हें ख़ुद अमल करना चाहिए

कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मामले को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई और दो मंत्रियों का आरोपियों के पक्ष में खड़ा होना शर्मनाक है.

कठुआ गैंगरेप: आरोपियों ने ख़ुद को बताया बेक़सूर, नार्को टेस्ट की मांग की

अपराध शाखा द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार, बच्ची का अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या अल्पसंख्यक घुमंतू समुदाय को क्षेत्र से हटाने के लिए रची गई एक सोची-समझी साज़िश थी.

‘मुंह फेर कर गुज़र जाने’ का वक़्त अब नहीं रहा, कठुआ के बाद तो बिल्कुल नहीं

इस तरह के पागलपन और दरिंदगी के आलम में हमारा पूरा वजूद सुन्न पड़ जाता है. एक मायूसी भरा सन्नाटा सबको अपनी चपेट में ले लेता है. मगर फिर एक मुकाम वो भी आता है, जहां यही मायूसी एक भयानक गुस्से में तब्दील हो जाती है.

नफ़रत की यह राजनीति आपका इस्तेमाल करेगी और हत्यारा बना देगी

लोग आपको तिरंगे की चादर में लपेट कर हिंदुत्व का मनोवैज्ञानिक प्रशिक्षण दे रहे थे, इसलिए नहीं कि आप सात्विक और आध्यात्मिक बन जाएं बल्कि किसी की हत्या के वक़्त हिंदुत्व के नाम पर आप चुप रहना सीख लें.

इन दो लड़कियों को इंसाफ़ नहीं मिला तो ये देश शर्मिंदगी से कभी उबर नहीं पाएगा

हिंदू-मुसलमान, ऊंची जाति, नीची जाति, नॉर्थ इंडियन, साउथ इंडियन, काले-गोरे, हरे, पीले, लाल, गुलाबी, भगवा, कत्थई. सब बन लिए. अब जरा भारतीय बनकर भारत को बचा लो.

कठुआ बलात्कार-हत्या मामले में जो कुछ हो रहा है, वो हमारी इंसानियत पर सवाल खड़ा करता है

जम्मू कश्मीर के कठुआ में आठ साल की मासूम से सामूहिक बलात्कार और जघन्य हत्या के मामले में पुलिस, वकील और राजनेताओं की भूमिका ने संवेदनहीनता के नए प्रतिमान गढ़ने का काम किया है.

सेना द्वारा मानव ढाल बनाए गए फ़ारूक़ को वोट डालने पर सामाजिक बहिष्कार भी सहना पड़ा

कश्मीर में पिछले साल नौ अप्रैल को सेना ने फ़ारूक़ को पत्थरबाज़ बताते हुए जीप की बोनट से बांधकर कई गांवों में घुमाया था. घटना के एक साल बाद भी फ़ारूक़ अवसाद में हैं.

एक साल बीतने के बाद भी सेना के ‘मानव ढाल’ को इंसाफ़ का इंतज़ार है

9 अप्रैल 2017 को सेना द्वारा जीप पर बांधकर घुमाए गए फ़ारूक़ अहमद डार साल भर बाद भी अपनी सामान्य ज़िंदगी में लौटने के लिए जूझ रहे हैं.