वीडियो: वीडी सावरकर भारतीय इतिहास में बहस और विवाद का विषय रहे हैं. कुछ उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी बताते हैं, तो कुछ अन्य उन्हें संदेह की दृष्टि से देखते हैं. पत्रकार निरंजन टाकले ने सावरकर पर अध्ययन किया है और उनका मानना है कि सावरकर की आलोचना करना ही देशहित में है.
संघ की स्वतंत्रतापूर्व भूमिकाओं की याद दिलाते रहना पर्याप्त नहीं है- उसके उन कृत्यों की पोल खोलना भी ज़रूरी है, जो उसने तथाकथित प्राचीन हिंदू गौरव के नाम पर आज़ादी के साझा संघर्ष से अर्जित और संविधान द्वारा अंगीकृत समता, बहुलता व बंधुत्व के मूल्यों को अपने कुटिल मंसूबे से बदलने के लिए बीते 75 वर्षों में किए हैं.