कोविड पाबंदियों से अप्रैल में 73.5 लाख नौकरियां गईं, बेरोज़गारी दर 4 माह के उच्च स्तर पर: अध्ययन

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद लॉकडाउन समेत अन्य पाबंदियां से आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ने से नौकरियां प्रभावित हुई हैं. एक निजी शोध एजेंसी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने अपने अध्ययन में कहा ​है कि नौकरियां जाने की वजह से वेतनभोगी एवं ग़ैर-वेतनभोगी कर्मचारियों की संख्या मार्च में 39.81 करोड़ से घटकर अप्रैल में 39.08 करोड़ हो गईं.

कोविड-19 और लॉकडाउन के दौरान एक करोड़ से अधिक प्रवासी कामगार अपने राज्य लौटे: सरकार

लोकसभा में सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू लॉकडाउन के चलते सबसे ज़्यादा प्रवासी मज़दूर उत्तर प्रदेश, उसके बाद बिहार फिर पश्चिम बंगाल लौटे हैं.

अप्रैल से अगस्त के बीच क़रीब 2.1 करोड़ वेतनभोगी नौकरियां गईं: रिपोर्ट

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के मुताबिक़ जुलाई में लगभग 48 लाख और अगस्त में 33 लाख वेतनभोगी नौकरियां गई हैं. वहीं मासिक आंकड़ों के अनुसार देश की बेरोज़गारी दर अगस्त में बढ़कर 8.35 प्रतिशत हो गई, जो उससे पिछले महीने 7.40 प्रतिशत थी.

उत्तर प्रदेश: बांदा ज़िले में किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या की

मामला चिल्ला थाना क्षेत्र के पलरा गांव का है. चिल्ला थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक सात बीघे की कृषि भूमि गिरवी रखी थी, लेकिन जिस व्यक्ति ने भूमि गिरवी रखी, उसने बदले में उन्हें को पैसा नहीं दिया. संभवतः इसी से परेशान होकर उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की.

कोविड-19 संकट के कारण भारत में 41 लाख युवाओं का रोज़गार छिना: रिपोर्ट

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन और एशियाई विकास बैंक की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण युवाओं के लिए रोज़गार की संभावनाओं को भी झटका लगा है, जिसके कारण तत्काल 15 से 24 साल के युवा 25 और उसे अधिक उम्र के लोगों के मुकाबले ज़्यादा प्रभावित होंगे.

लॉकडाउन: विभिन्न राज्यों वापस दिल्ली लौटे प्रवासी मज़दूरों की आपबीती

वीडियो: बीते 24 मार्च को कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद पूरे देश से मज़दूर पलायन कर अपने मूल राज्यों को लौट गए थे. हालांकि वहां कोई काम न मिलने के बाद अब मज़दूरों ने वापस बड़े शहरों का रुख़ करना शुरू कर दिया है. दिल्ली लौटे मज़दूरों से बातचीत.

बांदा: लॉकडाउन में मुंबई से लौटे मज़दूर ने कथित तौर पर काम न मिलने से की आत्महत्या

उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के इंगुआ गांव का मामला. मृतक के भाई ने बताया कि मुंबई से लौटने के बाद गांव में उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा था, जिस वजह से वह आर्थिक रूप से परेशान थे.

लॉकडाउन के दौरान वेतन देने का आदेश इससे पहले बेरोज़गार हुए लोगों के लिए नहीं: बॉम्बे हाईकोर्ट

एक कंपनी द्वारा श्रमिकों को वेतन न देने के मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि गृह मंत्रालय के आदेश के तहत उन्हीं कर्मचारियों या कामगारों को लाभ मिलेगा, जो लॉकडाउन लगने वाले दिन तक नौकरी पर थे और उन्हें तनख़्वाह मिल रही थी.

प्रवासियों के लिए बस से जुड़े विवाद में गिरफ़्तार यूपी कांग्रेस अध्यक्ष को एक महीने बाद ज़मानत

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को ज़मानत देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ के जस्टिस एआर मसूदी ने अपने आदेश में प्रवासी मज़दूरों के लिए बसों की व्यवस्था को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार और कांग्रेस के आपसी गतिरोध में उलझने पर चिंता जताई.

लॉकडाउन: क्या सरकार का ये दावा सही है कि आनंद विहार में झूठी ख़बरों से मज़दूरों की भीड़ जुटी?

बीते 28 मार्च की शाम दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से आए प्रवासी मज़दूरों की भीड़ घर जाने के लिए जुट गई. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि फेक न्यूज़ के कारण यह भीड़ जुटी थी.

उत्तर प्रदेश: बस विवाद में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

कांग्रेस द्वारा उपलब्ध कराई गई बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं देने की वजह से धरने पर बैठने के लिए गिरफ्तार किए गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को आगरा की एक अदालत ने बुधवार को जमानत दे दी थी. इसके बाद लखनऊ पुलिस ने उन्हें धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज के मामले में गिरफ्तार कर लिया था.

प्रवासी श्रमिकों के लिए कांग्रेस की बसों को यूपी में प्रवेश क्यों नहीं करने दे रही योगी सरकार?

प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें उपलब्ध कराने की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पेशकश स्वीकार करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बसों की सूची में कुछ अन्य वाहनों के नंबर होने का आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी के निजी सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है.

उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में घर जाने के लिए फिर उमड़ी प्रवासी श्रमिकों की भीड़

वीडियो: दिल्ली से लगे गाज़ियाबाद के रामलीला मैदान में सोमवार को अचानक घर जाने की उम्मीद में प्रवासी श्रमिकों का हुजूम उमड़ आया था, जिसे संभालने में प्रशासन को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मंगलवार को गाज़ियाबाद प्रशासन ने मैदान में मज़दूरों को जाने से रोक दिया. द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती और गौरव भटनागर की इन श्रमिकों से बातचीत.

दिल्ली: घर जाने की आस में शहर में भटक रहे हैं प्रवासी श्रमिक और उनके परिवार

25 साल के हरीराम चौधरी द्वारका में रहकर मार्बल काटने का काम करते थे, जो दो महीने से ठप है. पांच दिन पहले अपनी मां की मौत की ख़बर पाने के बाद से वे घर जाने की उम्मीद लिए पैदल ही शहर भर की खाक़ छान रहे हैं.