कश्मीर के मामले में मोदी सरकार ने न तो पहले की सरकारों की विफलताओं से कोई सबक लिया और न ही कामयाबियों से.
सरकार के हिंसा पर एकाधिकार को तब ही स्वीकार किया जा सकता है जब वह क़ानून के दायरे में हो; अगर ऐसा नहीं है तब कोई उसके इस एकाधिकार को तोड़ता है तो उसे ग़लत नहीं ठहराया जा सकता.