वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा प्रस्तावित इस योजना से देहरादून के भारतीय वन्यजीव संस्थान, भोपाल के भारतीय वन प्रबंधन संस्थान, बेंगलुरु के भारतीय प्लाइवुड उद्योग अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, चेन्नई के सीपीआर पर्यावरणीय शिक्षा केंद्र और अहमदाबाद का पर्यावरण शिक्षा केंद्र प्रभावित होंगे.
केंद्र सरकार ने दलील दी है कि उन्होंने ‘मिनिमम गवर्नमेंट एंड मैक्सिमम गवर्नेंस’ के उद्देश्य की पूर्ति के लिए ऐसा निर्णय लिया है. हालांकि इन क्षेत्रों में काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने सरकार के इन क़दमों की आलोचना की है.