केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014-15 से 2021-22 के बीच उसके विभागों को नौकरियों के लिए 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन नौकरी एक फीसदी से भी कम (0.33) उम्मीदवारों को मिली. वहीं, वर्ष 2019-20 को छोड़ दें तो केंद्र द्वारा दी जाने वाली नौकरियों में 2014-15 के बाद से साल दर साल गिरावट देखी गई है.
पिछले दो दशकों से विभिन्न विभागों में काम कर रहे 60,000 से अधिक दिहाड़ी कर्मी, आकस्मिक कामगार और अन्य कर्मचारी नौकरी नियमित करने व लंबित बकाया राशि जारी करने समेत कई मांगों को लेकर जम्मू और श्रीनगर में नियमित रूप से प्रदर्शन करते आ रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे सरकार के जिद्दी, कर्मचारी विरोधी रवैये से आजिज़ आ गए हैं. भाजपा नेताओं ने उन्हें सिर्फ बेवकूफ़ बनाया है.