पत्रकार निकायों ने आईटी नियमों में मसौदा संशोधन और बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर रोक की निंदा की

नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और आंध्र प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्ट फेडरेशन जैसे संगठनों की ओर से कहा गया है कि पीआईबी की भूमिका मीडिया को सरकारी समाचार प्रदान करने की बनी रहनी चाहिए. इसे मीडिया की निगरानी, सेंसर करने और सरकार के लिए असुविधाजनक किसी भी जानकारी को फ़र्ज़ी समाचार के रूप में पहचानने का काम नहीं सौंपा जा सकता है.

फ़र्ज़ी ख़बरें बताने का ज़िम्मा पीआईबी को देना बंदर के हाथ में उस्तरा देने के समान है

आईटी नियमों में प्रस्तावित संशोधन कहता है कि पीआईबी की फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी’ बताई गई सामग्री सोशल मीडिया समेत सभी मंचों से हटानी होगी. द रिपोर्टर्स कलेक्टिव की पत्रकार तपस्या ने बताया कि इस फैक्ट-चेक इकाई ने उनकी एक रिपोर्ट को बिना किसी दस्तावेज़ी प्रमाण के सिर्फ महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक ट्वीट के आधार पर 'फ़र्ज़ी' क़रार दे दिया था.

आईटी नियमों में संशोधनों को हटाया जाए, मीडिया परिषद की स्थापना की जाए: प्रेस एसोसिएशन

प्रेस एसोसिएशन ने कहा कि प्रेस काउंसिल पहले से ही फ़र्ज़ी समाचार की कई शिकायतों पर फैसला कर रही है. पीआईबी जैसी विशुद्ध रूप से सरकारी संस्था को फेक न्यूज़ को निर्धारित करने और कार्रवाई करने की शक्ति मिलने से प्रेस काउंसिल का अधिकार, स्वतंत्रता कम हो जाएगी, जो 1966 से सुचारू रूप से काम कर रही है.

आईटी नियमों में प्रस्तावित संशोधन प्रेस की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचा सकता है: डिजीपब

आईटी नियमों में प्रस्तावित संशोधन कहता है कि पीआईबी की फैक्ट-चेकिंग इकाई या किसी अन्य सरकारी एजेंसी द्वारा 'फ़र्ज़ी' क़रार दी गई सामग्री सोशल मीडिया समेत सभी मंचों से हटानी होगी. डिजिटल मीडिया संगठनों के संघ डिजीपब ने कहा कि यह प्रेस की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाने का संस्थागत तंत्र बन सकता है.

आईटी नियमों में संशोधन के ख़िलाफ़ एडिटर्स गिल्ड, कहा- अकेले सरकार फेक न्यूज़ तय नहीं कर सकती

आईटी नियम के मसौदा संशोधन में कहा गया है कि पीआईबी की फैक्ट-चेकिंग इकाई या किसी अन्य सरकारी एजेंसी द्वारा झूठी चिह्नित की गई सामग्री को सोशल मीडिया समेत सभी मंचों से हटाना होगा. एडिटर्स गिल्ड ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यह प्रेस की सेंसरशिप के समान है.

केंद्र का प्रस्ताव, पीआईबी फैक्ट-चेक द्वारा ‘फ़र्ज़ी’ बताई गई ख़बर को सभी मंचों से हटाना होगा

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के एक संशोधन मसौदे में कहा है कि प्रेस सूचना ब्यूरो की फैक्ट-चेकिंग इकाई या सरकार द्वारा अनुमोदित किसी अन्य एजेंसी द्वारा झूठी चिह्नित की गई सामग्री को सोशल मीडिया समेत सभी मंचों से हटाना होगा.