वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक अगस्त 2023 में क़ानून बन गया था. 1996 में अदालत के आदेश के अनुसार, कोई भी क्षेत्र जो जंगल के शब्दकोशीय अर्थ को पूरा करता है, उसे जंगल माना जाना चाहिए और 1980 के वन संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित किया जाना चाहिए, भले ही वह आधिकारिक तौर पर जंगल के रूप में दर्ज न हो.
बीते तीन अक्टूबर को केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने उत्तराखंड के प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट पार्क के दौरे के दौरान कहा था कि इसका नाम बदलकर रामगंगा राष्ट्रीय पार्क किया जाना चाहिए. व्यवसायियों का कहना है कि पर्यटन उद्योग जगत में कॉर्बेट पार्क इतना विश्वविख्यात नाम है कि इसमें किसी भी तरह का बदलाव इस क्षेत्र से जुडे़ लोगों के लिए ‘आर्थिक सुनामी’ ला सकता है.
डिस्कवरी चैनल के शो ‘मैन वर्सेज़ वाइल्ड’ की शूटिंग के लिए साल 2019 में उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाइगर सफारी प्रोजेक्ट की घोषणा की थी. इसके लिए राज्य सरकार ने पर्यावरण मंत्रालय से 163 पेड़ काटने की मंज़ूरी मांगी थी. अब सुप्रीम कोर्ट के एक वकील व कार्यकर्ता गौरव बंसल ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण में दायर एक याचिका में दस हज़ार पेड़ काटे जाने का दावा किया है.