तख़्तापलट के बाद सैन्य शासन के ख़िलाफ़ म्यांमार में चल रहे प्रदर्शन के दौरान हुए संघर्ष में बीते 27 मार्च को तकरीबन 90 लोगों की मौत हो गई थी. लोकतंत्र समर्थक समूहों ने पूछा है कि दुनिया के सबसे महान लोकतंत्रों में से एक भारत ने क्यों जनरलों से हाथ मिलाने के लिए एक प्रतिनिधि क्यों भेजा, जिनके हाथ हमारे खून से लथपथ हैं.
मणिपुर सरकार द्वारा म्यांमार की सीमा से सटे ज़िलों के उपायुक्तों को 26 मार्च को जारी एक आदेश में सैन्य तख़्तापलट के बाद म्यांमार से भागकर आ रहे शरणार्थियों को आश्रय और खाना देने से इनकार और उन्हें 'शांतिपूर्वक' लौटाने की बात कही गई थी. कड़ी आलोचना के बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया.
भारत, म्यांमार और बांग्लादेश में मौजूद जातीय समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ने गृह मंत्रालय से यह भी आग्रह किया कि वह म्यांमार की सीमा से लगे चार पूर्वोत्तर राज्यों- मिज़ोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश को उस देश से आने वाले लोगों को रोकने का अपना आदेश वापस ले.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर म्यांमार में सैन्य तख़्तापलट के चलते राज्य में आ रहे वहां के नागरिकों को मानवीय आधार पर शरण देने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है.
असम सरकार ने सोमवार को विधानसभा को सूचित किया कि 2020 में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड और मिज़ोरम राज्यों द्वारा भूमि अतिक्रमण की घटनाओं का सामना करना पड़ा. कछार ज़िले से सबसे ज़्यादा 17 मामले सामने आए, जिसमें असम और मिज़ोरम के लोगों के बीच हिंसक झड़पें हुईं और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
मिज़ोरम की सरछिप सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी लालदुहोमा पर आरोप था कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जबकि वह ज़ोराम पीपुल्स मूवमेंट नाम के राजनीतिक दल के शीर्ष नेता थे. वह राज्य के पहले ऐसे विधायक बन गए हैं जिन्हें अयोग्य क़रार दिया गया है.
मिज़ोरम से आए ब्रू प्रवासियों को त्रिपुरा में बसाने के विरोध में संयुक्त आंदोलन समिति उत्तरी त्रिपुरा ज़िले के पानीसागर में असम-अगरतला राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर प्रदर्शन कर रही थी, जब पुलिस ने बल प्रयोग और फायरिंग की. पुलिस का कहना है कि उनकी तरफ से आत्मरक्षा में गोली चलाई गई थी.
एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया यह निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के महीनों में विपक्ष शासित आठ राज्य सरकारों द्वारा उनके राज्य में मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई ‘आम सहमति’ वापस ली गई है.
वर्ष 1997 में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान ब्रू समुदाय के 30 हज़ार से अधिक लोग मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा के कुछ ज़िलों में बस गए थे. वापस मिज़ोरम लौटने से इनके इनकार के बाद त्रिपुरा सरकार ने तकरीबन 33,000 ब्रू लोगों के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की है.
बीते 17 अक्टूबर को असम के कछार ज़िले के लैलापुर गांव और मिज़ोरम के कोलासिब ज़िले के वैरेंगटे गांव के निवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसके बाद से दोनों राज्यों में तनाव जारी है. इससे पहले मिज़ोरम के गृहमंत्री ने कहा था तक वह असम सीमा पर तैनात अपने सुरक्षा बलों को नहीं हटाएंगे.
त्रिपुरा-मिज़ोरम सीमा पर जम्पुई हिल्स स्थित फुलडुंगसेई गांव में बन रहे शिव मंदिर को लेकर विवाद हुआ है. त्रिपुरा सरकार का दावा है कि यह गांव उत्तरी त्रिपुरा ज़िले में है, जबकि मिज़ोरम सरकार का कहना है कि यह गांव उसके मामित ज़िले की सीमा में है.
1997 में जातीय संघर्ष के बाद मिज़ोरम से 35,000 से अधिक ब्रू आदिवासियों को त्रिपुरा पलायन करना पड़ा था. इन्हें वापस भेजने के लिए जुलाई 2018 में एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे, लेकिन यह क्रियान्वित नहीं हो सका, क्योंकि अधिकांश लोगों ने मिज़ोरम वापस जाने से इनकार कर दिया था. अब इन्हें त्रिपुरा में ही बसाए जाने का फैसला लिया गया है.
वर्ष 1997 में हुई मिज़ो समुदाय के साथ हुई जातीय हिंसा के बाद ब्रू समुदाय के 35 हज़ार से अधिक लोगों को मिज़ोरम छोड़कर त्रिपुरा पलायन करना पड़ा था. इन्हें वापस मिज़ोरम भेजने की प्रक्रिया लगातार विफल होने के बाद इस साल जनवरी में इन लोगों को त्रिपुरा में ही बसाए जाने का समझौता किया गया है.
मिज़ोरम के गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव रामदीन लियानी ने बताया कि मुख्य सचिव ने 24 अगस्त को केंद्रीय गृह सचिव को दो पत्र लिखकर असम राइफल्स द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोहों का ‘बहिष्कार’ करने तथा कोरोना स्क्रीनिंग प्रोटोकॉलों के कथित उल्लंघन के बारे में जानकारी दी है.
उत्तरी त्रिपुरा और मिज़ोरम की सीमा पर स्थित फूलदुंगसी गांव के 130 मतदाताओं के नाम दोनों राज्यों की मतदाता सूची में शामिल हैं. जाम्पुई पहाड़ियों पर स्थित फूलदुंगसी उत्तर त्रिपुरा के कंचनपुर उपसंभाग का हिस्सा है, लेकिन मिज़ोरम ने यहां के मतदाताओं के नाम अपने यहां के हाचेक निर्वाचन क्षेत्र में शामिल कर लिया है.