सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ मामलों में गवाहों को बिना मांगे सुरक्षा दी जाएः सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों से कहा कि सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ मामलों में भले ही गवाहों की तरफ से सुरक्षा की मांग की गई हो या नहीं, उन्हें गवाह संरक्षण योजना के तहत सुरक्षा उपलब्ध कराई जानी चाहिए.

क्या महिलाओं की सुरक्षा उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में भी है?

उन्नाव ज़िले की बांगरमऊ विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को उपचुनाव है. यह सीट नाबालिग के बलात्कार के दोषी पाए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता रद्द होने पर ख़ाली हुई थी. महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ते अपराधों के बीच यहां हुई एक चुनावी सभा में मुख्यमंत्री के भाषण से उनकी सुरक्षा की बात नदारद रही.

उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने सभी सदस्यों को वेतन का 30 फ़ीसदी कोविड फंड में देना अनिवार्य किया

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड राज्य विधानसभा (सदस्य भत्ता और पेंशन) संशोधन अध्यादेश, 2020 को मंज़री दी गई. इसके तहत एक अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक मुख्यमंत्री समेत सभी विधायकों के वेतन भत्तों से 30 फ़ीसदी राशि काटी जाएगी.

देश में असुरक्षित महिलाएं और नेताओं के बिगड़े बोल

महिलाओं की सुरक्षा की चिंता और उनको हिंसा, बलात्कार आदि से बचाने को लेकर कड़े क़ानून बनाने का नेताओं का आश्वासन उनके दिए महिला-विरोधी बयानों के बरक्स बौना नज़र आता है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे की संपत्ति छह अरब रुपये से अधिक

कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से नामांकन दाख़िल किया. इनकी संपत्ति कमलनाथ और उनकी पत्नी अलका नाथ की संपत्ति से पांच गुना अधिक है.

सांसदों/विधायकों पर 4,000 से ज़्यादा मुक़दमे, बिहार-केरल में विशेष अदालतें गठित करने का निर्देश

उच्चतम न्यायालय ने इन विशेष अदालतों में मुक़दमों की सुनवाई का क्रम निर्धारित करते हुए कहा कि वर्तमान और पूर्व सांसदों/विधायकों के ख़िलाफ़ लंबित ऐसे दंडनीय अपराधों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनमें उम्रक़ैद या मौत की सज़ा का प्रावधान है.

क्या देश की राजनीति हमेशा ऐसी ही मूल्यहीनता और लूट-खसोट की पर्याय रही है?

देश में अरबपतियों की तेज़ी से बढ़ती संख्या के बीच आप रोते रहिए कि राजनीति का पतन हो गया है और अब वह समाजसेवा या देशसेवा का ज़रिया नहीं रही, इन बहुमतवालों को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता क्योंकि उन्होंने इस स्थिति को सामाजिक-सांस्कृतिक मान्यता भी दिला दी है.

विधायकों की औसत सालाना आय 24.59 लाख रुपये, कर्नाटक में सबसे ज़्यादा, छत्तीसगढ़ में सबसे कम: एडीआर

देशभर के मौजूदा 4,086 विधायकों में से 3,145 विधायकों ने ही अपने आय का ब्योरा चुनाव आयोग को दिया है. 941 विधायकों ने अपनी आय घोषित नहीं की है.

चुनाव आयोग भी अब मोहल्ले की राजनीति में इस्तेमाल होने लगा है

केजरीवाल अगर आदर्श की राजनीति कर रहे हैं, इसलिए उन्हें 21 विधायकों को संसदीय सचिव नहीं बनाना चाहिए था. तो क्या फिर बाकी मुख्यमंत्री लालच देने के लिए संसदीय सचिव का पद बांट रहे हैं?

महाराष्ट्र में साल के शुरुआती 6 महीनों में लगभग तीन हज़ार लड़कियां हुईं लापता

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि करीब 12 पुलिस विभागों को ऐसी गतिविधियों के ख़िलाफ़ फौरन कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

बसपा के इस दागी विधायक पर क्यों मेहरबान है मोदी सरकार?

उत्तर पूर्वी राज्यों में काम का कोई अनुभव न होने के बावजूद उत्तर प्रदेश के रसड़ा से बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की कंपनी को नगालैंड के वोखा-मैरापानी रोड बनाने का ठेका दिया गया है.