अलवर ज़िले के किशनगढ़बास थाना क्षेत्र के बघेरी खुर्द गांव में रविवार सुबह मोहम्मद सगीर को कथित गोरक्षकों ने बेरहमी से पीटा. गंभीर रूप से घायल सगीर ज़िला अस्पताल के आईसीयू में ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं.
पुलिस का कहना है कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान प्रशांत नट नाम के व्यक्ति ने इंस्पेक्टर सुबोध पर गोली चलाई थी. गिरफ़्तारी के बाद पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार किया है.
देश में निचले सामाजिक स्तर तक भय व अविश्वास का ऐसा माहौल बना दिया गया है कि प्रतिरोध की सारी आवाजें घुटकर रह गईं और अब ऊपरी स्तर पर कोई आमिर ख़ान अपना डर या नसीरुद्दीन शाह ग़ुस्सा जताने लगता है, तो उनका मुंह नोंचने की सिरफिरी कोशिशें शुरू कर दी जाती हैं.
झारखंड के लातेहार ज़िले के बालूमाथ में साल 2016 में दो पशु व्यापारियों की भीड़ ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. मृतकों के परिवारों ने झारखंड सरकार से उचित सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही मुआवज़े की मांग की है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये नया फैसला ऐसे समय पर आया है जब विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार इंसानों की तुलना में गायों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है.
अजमेर साहित्य महोत्सव के संयोजक ने बताया कि नसीरुद्दीन शाह को कार्यक्रम का उद्घाटन करना था लेकिन उनके बयान के बाद कुछ स्थानीय लोगों के विरोध के चलते वह नहीं आए.
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि मौजूदा हालात में मैं अपने बच्चों के लिए चिंतित हूं क्योंकि कल को अगर भीड़ उन्हें घेरकर पूछती है, ‘तुम हिंदू हो या मुसलमान?' तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं होगा.
बीते 17 मार्च 2016 को 32 वर्षीय मजलूम अंसारी और 13 वर्षीय इम्तियाज़ को गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा हत्या कर शवों को पेड़ पर लटका दिया गया था.
उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के जबर्दस्त हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शांति व्यवस्था किसी भी कीमत पर बनाए रखी जाएगी.
83 नौकरशाहों की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में शासन प्रणाली के मौलिक सिद्धांतों, संवैधानिक नीति और मानवीय सामाजिक व्यवहार तहस-नहस हो चुके हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक पुजारी की तरह धर्मांधता और बहुसंख्यकों के प्रभुत्व के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बीते मंगलवार को गोहत्या के आरोप में तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पुलिस ने इन चार लोगों को निर्दोष करार देने का फैसला लिया.
बीते तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली के एक गांव में कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गई थी.
इससे पहले बुलंदशहर एसएसपी, स्याना क्षेत्राधिकारी और चिंगरावठी पुलिस चौकी के प्रभारी का तबादला कर दिया गया था. बुलंदशहर हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गई थी.
बीते शनिवार को सेना ने जीतेंद्र मलिक उर्फ जीतू फौजी को हिरासत में लेकर उसे उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया. पुलिस इस समय उससे पूछताछ कर रही है. जीतू जम्मू कश्मीर के सोपोर ज़िले में तैनात था.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बीते तीन दिसंबर को कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा में स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गई थी.