कुछ राज्यपाल ऐसी भूमिका निभा रहे हैं जो उन्हें नहीं निभानी चाहिए: जस्टिस नागरत्ना

सुप्रीम कोर्ट की जज जस्टिस बीवी नागरत्ना ने एक कार्यक्रम में कहा कि दुर्भाग्य से आज भारत में कुछ राज्यपाल ऐसी भूमिका निभा रहे हैं, जो उन्हें नहीं निभानी चाहिए. उन्हें जहां सक्रिय होना चाहिए, वहां निष्क्रिय नजर आते हैं. सुप्रीम कोर्ट में उनके विरुद्ध दर्ज मामले उनकी संवैधानिक स्थिति की दुखद कहानी कहते हैं.

मोदी सरकार का ‘किंगमेकरों’ के साथ का अंजाम क्या पिछले उदाहरणों से अलग रहेगा?

देश में किंगमेकरों की राजनीति का इतिहास बताता है कि आमतौर पर वह सुखांत नहीं होती क्योंकि न किंगमेकर अपनी स्थिति का लाभ उठाने में संयम बरत पाते हैं, न ही 'किंग' उनकी सारी मांगें पूरी कर पाते हैं.

लगातार हो रही मौतों के बावजूद केंद्रीय बजट में मैनुअल स्कैवेंजिंग का ज़िक्र नहीं

सफाई कर्मचारी आंदोलन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह महीनों में 43 मैनुअल स्कैवेंजरों की मौत हुई है. संगठन के राष्ट्रीय संयोजक बेजवाड़ा विल्सन ने
उनके लिए बजट में आवंटित धनराशि को 'बहुत कम' बताते हुए कहा कि सफाईकर्मियों की भलाई सरकार की प्राथमिकता में नहीं है. 

आम बजट क्या वाकई में आम आदमी के लिए है?

वीडियो: केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस वित्त वर्ष के बजट में आम आदमी को लाभ मिलने के कई दावे किए हैं. क्या सचमुच बजट आमजन के लिए फायदेमंद है? द वायर की संपादक सीमा चिश्ती और वरिष्ठ पत्रकार संजय के. झा के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदला गया

राष्ट्रपति भवन में दरबार हॉल और अशोक हॉल अब क्रमशः गणतंत्र मंडप और अशोक मंडप के नाम से जाने जाएंगे. दरबार हॉल वह स्थान था जहां स्वतंत्र भारत की पहली सरकार ने सन 1947 में शपथ ली थी.

केंद्रीय बजट: बेरोज़गारी का समाधान कांग्रेस के घोषणापत्र से, बिहार-आंध्र प्रदेश पर विशेष ज़ोर

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बजट के माध्यम से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह बजट केवल 'कुर्सी बचाओ' योजना के तहत अपने गठबंधन सहयोगियों को खुश करने के लिए है.

युवाओं को बेरोज़गार बनाए रखना मोदी सरकार का एकमात्र मिशन है: मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सीएमआईई के आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि देश में मौजूदा बेरोज़गारी दर 9.2 प्रतिशत है, वहीं महिलाओं के लिए यह 18.5 प्रतिशत है. बीते दस साल में करोड़ों युवाओं के सपनों को चकनाचूर करने की ज़िम्मेदार केवल मोदी सरकार है.

विपक्ष ख़ुद को नाम के विपक्ष तक सीमित न रखे, आगे की लड़ाई के लिए ज़मीन पर उतरे

विपक्ष आगे की राह कैसे तय करेगा? और क्या महज बढ़ा हुआ आत्मविश्वास उसको मंजिल तक पहुंचा देगा? फिलहाल इसका ‘हां’ में जवाब मुश्किल है क्योंकि स्थितियां आगे और लड़ाई के संकेत दे रही हैं.

एनडीए सरकार के नए मंत्रियों में से आठ पर हेट स्पीच और 19 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, 28 मंत्रियों ने अपने हलफ़नामों में उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 19 पर गंभीर अपराधों के आरोप हैं, जिनमें महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध भी शामिल हैं. इसके अलावा, बंगाल के दो भाजपा सांसदों पर हत्या के आरोप हैं.

सरकार ने असामान्य क़दम उठाते हुए सेना प्रमुख का कार्यकाल महीनेभर के लिए बढ़ाया

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे को 30 अप्रैल, 2022 को इस पद पर नियुक्त किया गया था. एक सेना प्रमुख का कार्यकाल तीन साल या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होता है. जनरल पांडे 6 मई को 62 वर्ष के हो गए थे, इसलिए उन्हें इसी महीने 31 मई को सेवानिवृत्त होना था.

अग्निपथ योजना: बिहार में चयन हो जाने के बाद भी नौकरी छोड़ रहे हैं अग्निवीर

अन्य ख़बरें भी बतलाती हैं कि अग्निपथ योजना के तहत चयनित बहुत सारे युवकों ने ट्रेनिंग के बीच में ही नौकरी छोड़ दी थी. ये युवक सेना की नौकरी में जाना तो चाहते हैं, लेकिन अग्निपथ ने उनका जज़्बा ख़त्म कर दिया है.

भाजपा के दस साल और महिलाओं की स्थिति

पिछले कुछ वर्षो में बलात्कारी के तथाकथित हिंदू और भाजपा या संघ समर्थक होने पर उसके पक्ष में क्या-क्या नहीं किया गया. बलात्कारियों को बचाने के लिए जुलूस निकाले गए, राष्ट्रीय ध्वज लेकर भी मार्च निकाला गया, थानों पर दबाव बनाए गए, मीडिया को ख़ामोश किया गया. यहां तक कि पीड़िताओं में ही दोष निकाला गया, उनके चरित्र को तार-तार किया गया, उनके परिवारों को फुसलाया और धमकाया गया और सौदा करने पर मज़बूर किया गया.

सरकार बनने पर केंद्रीय एजेंसियों द्वारा विपक्षी नेताओं पर दर्ज ग़लत केस वापस लेंगे: खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि हम ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग और केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा विपक्षी नेताओं के ख़िलाफ़ दर्ज किए गए मामलों को वापस लेंगे क्योंकि ये मामले क़ानूनी कार्रवाई के परिणामस्वरूप दर्ज नहीं किए गए हैं, बल्कि उत्पीड़ित करने के इरादे या चुनावों को बाधित करने के लिए लगाए गए हैं.

अग्निपथ योजना: उत्तराखंड की शानदार सैन्य परंपरा और आर्थिकी पर गहरी चोट

उत्तराखंड के कई गांव सैनिकों के गांव कहे जाते हैं. राज्य की अर्थ और सामाजिक व्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा सेना से जुड़ा हुआ है. अग्निपथ योजना के आने के बाद यह व्यवस्था संकट में नज़र आ रही है.

एक असंवेदनशील सरकार और उसके अनैतिक समर्थक

हमारे समाज का पतन हो गया है. उन्मादपूर्ण भीड़ द्वारा निर्दोष व्यक्ति की हत्या, घर वापसी, एंटी-रोमियो दल, निरंकुश गौरक्षा दल और देश के प्रधानमंत्री और उनके अनुयायियों द्वारा मुसलमानों के लिए घृणा फैलाने के लिए बयानबाज़ी, ये सब समाज की दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं.

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