सुप्रीम कोर्ट के कुछ सीनियर जजों ने जस्टिस केएम जोसेफ की वरिष्ठता को लेकर आपत्ति जाहिर की थी. जजों का तर्क है कि चूंकि कॉलेजियम ने पहले ही जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी इसलिए उन्हें पहले नंबर पर रखा जाना चाहिए.
सूचना आयुक्तों को लिखे पत्र में श्रीधर आचार्युलु ने कहा कि आरटीआई कानून के प्रावधानों में संशोधन के किसी भी प्रस्ताव पर जनता और विशेष तौर पर सूचना आयुक्तों के बीच व्यापक चर्चा के बिना विचार नहीं किया जाए.
असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर भाजपा पूरे देश में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने को तैयार है. लेकिन सही मायने में केंद्र सरकार को देश की जनता एवं संसद को यह बताना चाहिए कि उसकी कार्ययोजना इस सूची से बाहर किए गए 40 लाख लोगों को लेकर क्या रहेगी.
केंद्र सरकार ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा जस्टिस जोसेफ की सिफारिश को वापस भेज दिया था. सरकार का तर्क था कि जस्टिस जोसेफ से सीनियर कई जज हैं, जिन्हें मौका मिलना चाहिए.
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के प्रावधान वाले विधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा सदस्यों ने सरकार से मांग की कि ओबीसी समाज के लिए अलग मंत्रालय का गठन हो ताकि उन्हें समुचित अधिकार मिल सकें.
शीर्ष अदालत ने कहा कि मीडिया द्वारा पीड़िताओं का साक्षात्कार लेकर उन्हें बार-बार अपने अपमान को दोहराने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. साथ ही, अदालत ने मामले में केंद्र और बिहार सरकार से जवाब मांगा है.
एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम को अपने पुराने और मूल स्वरूप में फिर से लागू करने के लिए केंद्र सरकार संसद के इसी सत्र में संशोधन बिल पेश करेगी.
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि सरकार राज्य सूचना आयोगों में लंबित अपील या शिकायतों से संबंधित कोई आंकड़ा नहीं रखती है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा, पीट-पीटकर हत्या करना एक बर्बर अपराध है. कोई भी सभ्य समाज इसे स्वीकार नहीं कर सकता. केंद्र सरकार इस मामले में मौत की सज़ा का प्रस्ताव वाला विधेयक शीघ्र पेश करेगी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राज्यसभा में बताया कि 2014 से अब तक मोदी सरकार विज्ञापनों पर कुल 4880 करोड़ रुपये की राशि ख़र्च कर चुकी है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, गुजरात, केरल और कर्नाटक की सरकारों को चार हफ़्ते में जवाब देने का निर्देश दिया.
एनजीटी ने सवाल उठाया कि अगर सिगरेट के पैकेटों पर ‘यह स्वास्थ्य के लिए घातक है’ चेतावनी लिखी हो सकती है, तो लोगों को नदी के जल के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए.
जन गण मन की बात की 281वीं कड़ी में विनोद दुआ राज्यसभा में पेश हुए डीएनए प्रोफाइलिंग बिल और लोकसभा चुनाव के समय से पहले होने की संभावना पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 281वीं कड़ी में विनोद दुआ देश में बढ़ी लिंचिंग की घटनाओं और सरकार के कुप्रशासन पर चर्चा कर रहे हैं.
भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक-2018 के तहत रिश्वत देने वाले को सात साल की सज़ा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है.