नोटबंदी के बाद नए नोटों की ढुलाई में 29.41 करोड़ रुपये हुए खर्च, वायुसेना ने भेजा बिल

आरटीआई से मिली जानकारी. नोटबंदी के बाद नए नोटों को देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना के अत्याधुनिक परिवहन विमान सी-17 और सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस का इस्तेमाल किया गया था.

मोदी सरकार को आर्थिक वृद्धि की ‘सनक’ से बाहर आकर विकास के सही मायने समझने की ज़रूरत: ज्यां द्रेज

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सामाजिक सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों से जुड़ी ज़िम्मेदारियों को औद्योगिक घरानों या राज्य सरकारों के भरोसे छोड़ दिया है.

भारत ने 2014 के बाद गलत दिशा में लगाई लंबी छलांग: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने अपनी किताब ‘भारत और उसके विरोधाभास’ जारी करने के अवसर पर कहा कि सरकार ने असमानता एवं जाति व्यवस्था के मुद्दों की अनदेखी की है, अनुसूचितों को अलग रखा जा रहा है.

जब केंद्रीय मंत्री हत्याभियुक्तों को फूल-मालाएं पहनाएंगे तो उन पर लगाम कैसे लगाएंगे?

भीड़ द्वारा निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार डालने की घटनाओं की रोकथाम का केंद्र सरकार के पास कोई कार्यक्रम नहीं है, इसलिए वह सिर्फ़ राज्य सरकारों को सतर्क रहने को कहकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेना चाहती है.

लोकतंत्र और देशभक्ति जैसे शब्द अपना अर्थ खो चुके हैं: सईद अख़्तर मिर्ज़ा

राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त फिल्मकार सईद अख़्तर मिर्ज़ा की किताब के लोकार्पण के मौके पर फिल्मकार महेश भट्ट ने कहा कि हमारे देश की आत्मा सरकार से बहुत बड़ी है. यह देश सरकार नहीं है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 271: मोदी का जयपुर दौरा और इंटरनेट

जन गण मन की बात की 271वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयपुर दौरे और भारत मेें आए दिन होने वाले इंटरनेट बैन पर चर्चा कर रहे हैं.

​जन गण मन की बात, एपिसोड 270: सोशल मीडिया और न्यूनतम समर्थन मूल्य

जन गण मन की बात की 270वीं कड़ी में विनोद दुआ फेक न्यूज़, ट्रोलिंग और लिंचिंग की घटनाओं के लिए सोशल मीडिया को ज़िम्मेदार ठहराने की प्रवृत्ति और केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य में किए गए बदलाव पर चर्चा कर रहे हैं.

अंतरात्मा का अभाव वर्तमान भारत का सबसे बड़ा संकट है

आखिर ऐसे लोग कहां हैं, जिनका अनुकरण किया जा सके? यह एक बड़ी चुनौती है. अगर मैं यह चाहता हूं कि मेरा बच्चा एक अच्छा नागरिक बने जो सर्वश्रेष्ठ मूल्यों के लिए आवाज उठा सके, तो आखिर इस मौजूदा पीढ़ी में वे प्रेरणा-पुरुष कहां हैं, जिनकी ओर देखा जा सकता है? हम 21वीं सदी में 19वीं सदी के अनुकरणीय व्यक्तियों की मिसाल कब तक देते रहेंगे?

वसुंधरा सरकार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में हंगामा होने का डर क्यों सता रहा है?

आगामी 7 जुलाई को जयपुर में होने वाली प्रधानमंत्री की सभा में हंगामे की आशंका के चलते सरकार इसके लिए भाजपा की विचारधारा से जुड़े लोगों को ही बुलावा भेज रही है.

सुप्रीम कोर्ट की सख़्ती, केंद्र से कहा-10 दिन में बताएं कब होगी लोकपाल की नियुक्ति

न्यायालय ग़ैर-सरकारी संगठन कॉमन कॉज की अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिका में 27 अप्रैल, 2017 के न्यायालय के आदेश के बावजूद लोकपाल की नियुक्ति नहीं किए जाने का मुद्दा उठाया गया है.

हलाला और बहुविवाह मामले में जल्द सुनवाई पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को हलाला और बहु विवाह के मामले में जल्द जवाब दाख़िल करने का निर्देश दिया है. मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक समीना बेगम की ओर से पेश अधिवक्ता शेखर और अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि उनकी मुवक्किल को धमकी दी जा रही है.

सरकार चाहती है देश का युवा समझे कि प्रतिरोध करना राष्ट्रद्रोह और ग़ैर-लोकतांत्रिक है

हमारी राष्ट्रीय राजनीति और भाजपा कांग्रेस विरोधी आंदोलन यानी प्रतिरोध का ही नतीजा हैं, लेकिन इसके बारे में कोई बात नहीं करता. ख़ुद भाजपा भी नहीं. वे चाहते हैं कि हम इमरजेंसी के बारे में जानें लेकिन उतना, जितने से उन्हें नुकसान न पहुंचे.

स्विस बैंकों में जमा धन के मामले में भारत विश्व में 73वें स्थान पर, पिछले साल था 88वां स्थान

स्विस नेशनल बैंक के हालिया जारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 में स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में 50% की वृद्धि हुई है. 2016 में जमा राशि में 44% की गिरावट आई थी. तब भारत का स्थान विश्व में 88वां था.

ये मोदी सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन का नतीजा है कि हमारा रुपया लुढ़क रहा है

अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले भारतीय रुपया तेजी से कमज़ोर हो रहा है. इसके तमाम बाह्य कारण भी हैं लेकिन पिछले चार सालों के दौरान बेहतर परिस्थितियों का फ़ायदा न उठा पाने और हर बात के लिए पिछली सरकार के करे-धरे को ज़िम्मेदार ठहराने की प्रवृति के चलते अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब हुई है.

सीबीएसई की किताब में भाजपा सांप्रदायिक पार्टी, गोधरा कांड के समय मोदी ने नहीं निभाया राजधर्म

शायद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को सीबीएसई के पाठ्यक्रम की सही जानकारी नहीं है तभी वो आपातकाल के पाठ को पाठ्यक्रम में शामिल करवाने की बात कर रहे हैं. दरअसल, सीबीएसई की 12वीं कक्षा की किताब ‘स्वतंत्र भारत में राजनीति’ में आपातकाल, 1984 के दंगों, बाबरी ध्वंस, गोधरा कांड और हिंदुत्व की विस्तार से व्याख्या की गई है.

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