आपके मुल्क में अक्टूबर से लेकर आधी जनवरी तक एक फिल्म को लेकर बहस हुई है. साढ़े तीन महीने बहस चली. नौकरी पर इतनी लंबी बहस हुई? बेहतर है आप भी सैलरी की नौकरी छोड़ हिंदू-मुस्लिम डिबेट की नौकरी कर लीजिए.
मुख्य सूचना आयुक्त ने पीएमओ द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों के नाम ज़ाहिर करने पर जताई गई आपत्ति को ख़ारिज कर दिया.
पूर्व पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि नरेंद्र मोदी पर्यावरण संरक्षण के बारे में जो उपदेश देते हैं, उसका पालन नहीं करते.
किसी बेरोज़गार के लिए दो वक़्त की रोटी का इंतज़ाम करने वाली कोई भी कमाई सांत्वना देने वाली होगी, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें गर्व का अनुभव नहीं कर सकते, न ही उन्हें करना चाहिए.
सर्वे के अनुसार, वैश्विक स्तर पर पहली बार मीडिया सबसे कम भरोसेमंद संस्थान बना. भरोसे में सर्वाधिक कमी के मामले में अमेरिका अव्वल रहा.
पाकिस्तान का ज़िक्र करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध रखना चाहता है लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है.
अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने न्यायाधीशों के चयन में केंद्र सरकार की ओर से अपनाए गए तौर-तरीकों पर सवाल उठाए.
जन गण मन की बात की 183वीं कड़ी में विनोद दुआ फिल्म पद्मावत पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और आधार की न्यायालय में सुनवाई पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 182वीं कड़ी में विनोद दुआ हज सब्सिडी ख़त्म करने और नेताओं के बार-बार रोने की घटनाओं पर चर्चा कर रहे हैं.
आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि केंद्र सरकार हज यात्रियों को नहीं बल्कि घाटे में चल रही एयर इंडिया की मदद के लिए सब्सिडी दे रही थी.
मौजूदा व्यवस्था में आधार का सत्यापन उंगलियों के निशान व आंखों की पुतली के स्कैन के ज़रिये किया जाता है.
उत्तराखंड सरकार के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के ‘जनता दरबार’ मेें नोटबंदी व जीएसटी के कहर से पीड़ित एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी ने ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली.
जन गण मन की बात की 179वीं कड़ी में विनोद दुआ स्मार्ट सिटी और भ्रष्ट पत्रकारों पर चर्चा कर रहे हैं.
कांग्रेस बोली, पिछले 3 सालों में 38 हज़ार किसानों ने आत्महत्या की है. 35 किसान हर दिन आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार ने किसानों की जगह अमीरों का क़र्ज़ माफ़ किया.
जन गण मन की बात की 178वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था की स्थिति और आगामी बजट पर चर्चा कर रहे हैं.