गुजरात पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, नोटबंदी बिना सोचा समझा कदम था जिसका कोई लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है.
पचास रुपये के नये नोटों में नेत्रहीन लोगों के लिए किसी प्रकार का पहचान चिह्न नहीं है जिससे कि वे इसे पहचान सकें.
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण बता रहे हैं कि सीबीआई के नवनियुक्त स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर 4,000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिग मामले में शामिल होने का आरोप है, जिसकी जांच ख़ुद सीबीआई कर रही है.
कंपनियों द्वारा खाता और नंबर बंद करने की धमकी से इनकार करने पर न्यायमूर्ति ने कहा, मैं मीडिया की उपस्थिति में कहना नहीं चाहता, लेकिन मुझे भी ऐसे संदेश मिल रहे हैं.
जन गण मन की बात की 146वीं कड़ी में विनोद दुआ आधार की अनिवार्यता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार अभियान पर चर्चा कर रहे हैं.
न्यायालय ने आधार क़ानून की वैधानिकता को चुनौती देने और बैंक खातों तथा मोबाइल नंबरों को आधार से जोड़ने के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा.
सरकार के हर फ़ैसले और बयान को देशभक्ति का पैमाना मत बनाइए. सरकारें आएंगी, जाएंगी. देश का इक़बाल खिचड़ी जैसे फ़ैसलों का मोहताज नहीं.
साक्षात्कार: पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से नरेंद्र मोदी सरकार, जीएसटी, रॉबर्ट वाड्रा, कार्ति चिदंबरम, विपक्ष, गुजरात चुनाव समेत विविध विषयों पर विस्तृत बातचीत.
उत्तर दिल्ली नगर निगम 2794 रुपये के बजट घाटे से जूझ रहा है. इस संस्था ने इस साल रामलीला मैदान से 21 लाख रुपये कमाए हैं और 10 लाख और कमाने की उम्मीद है.
घरेलू रेटिंग एजेंसी ने पिछले पांच साल का अध्ययन कर बताया, 7 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ रोज़गार मात्र 1 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा.
वन रैंक-वन पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर पूर्व सैन्यकर्मी जंतर-मंतर पर दो साल से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे थे.
जन गण मन की बात की 142वीं कड़ी में विनोद दुआ भाजपा द्वारा 8 नवंबर को नोटबंदी का जश्न मनाते हुए कालाधन विरोधी दिवस मनाने और महाराष्ट्र में किसानों की कर्ज़ माफ़ी में हुए फर्ज़ीवाड़े पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 141वीं कड़ी में विनोद दुआ गुजरात विधानसभा चुनाव और सरकारी बैंकों में पूंजी निवेश पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 140वीं कड़ी में विनोद दुआ अर्थव्यवस्था पर अरुण जेटली की प्रेस कॉन्फ्रेंस और गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रो-रो फेरी सेवा शुरू करने पर चर्चा कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान मांगा जवाब, याचिका में केंद्र से 40,000 करोड़ के सूखा राहत पैकेज, कृषि ऋण माफी और कावेरी प्रबंधन बोर्ड की स्थापना की मांग की गई है.