नगा छात्र संघ ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शनिवार को छह घंटे के बंद का आह्वान किया है. वहीं गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में लगाए गए कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है.
नागरिकता संशोधन जैसे विधेयक लोगों को जाति और धर्म के आधार पर बांटने का काम करते हैं. कश्मीर और असम जैसे राज्यों में जनतंत्र के विरोध के सुर को गन-तंत्र से दबाने की कोशिश की जा रही है.
नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने शुक्रवार सुबह संसद तक मार्च निकालने की घोषणा की थी. हालांकि उन्हें विश्वविद्यालय के पास में ही रोक लिया गया.
मोइत्रा के अलावा इसी तरह एक याचिका संयुक्त रूप से वकील एहतेशाम हाशमी, पत्रकार जिया उस सलाम और कानून के छात्र मुनीब अहमद खान, अपूर्वा जैन और आदिल तालिब ने दाखिल किया है. इनका आरोप है कि इसका मकसद मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव है.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता संशोधन विधेयक को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के खिलाफ बताया और कहा कि उनकी सरकार इस विधेयक को अपने राज्य में लागू नहीं करेगी.
नागरिकता संशोधन विधेयक में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.
उर्दू की वरिष्ठ पत्रकार और लेखक शिरीन दलवी ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में महाराष्ट्र राज्य उर्दू साहित्य अकादमी की ओर से मिला सम्मान लौटा दिया है.
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद को बताया कि पिछले पांच साल में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले 560 से अधिक मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता दी गई.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह विधेयक संविधान के समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है.
अमेरिका के मुस्लिम सांसद आंद्रे कार्सन ने कहा कि सांसदों द्वारा क्रूर नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित करने के साथ ही आज हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक और घातक कदम देखा. हालांकि भाजपा के इतिहास और सांप्रदायिकता से उसके संबंध को देखते हुए यह कार्रवाई अप्रत्याशित नहीं है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, नागरिकता संशोधन विधेयक का पारित होना तुच्छ सोच वाली और कट्टर ताकतों की भारत के बहुलवाद पर जीत है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने कहा, हमारे देश के कई महत्वपूर्ण निर्णय अलग-अलग धर्मों के व्यक्तियों द्वारा लिए जाते हैं. हम कभी भी किसी को उनके धर्म से नहीं आंकते हैं.
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े, जबकि 105 सदस्यों ने इसके ख़िलाफ़ मतदान किया. प्रधानमंत्री ने भारत के लिए ऐतिहासिक दिन बताया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने काला दिन क़रार दिया.
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि चूंकि पाक, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में भारी संख्या में अल्पसंख्यक धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हैं, इसकी वजह से नागरिकता संशोधन विधेयक लाया गया है. इससे लाखों लोग लाभान्वित होंगे. हालांकि शाह का ये दावा सरकारी आंकड़ों पर खरा नहीं उतरता है.
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जो विरोध कर रहे हैं और जो समर्थन कर रहे हैं, वे सभी देश के नागरिक हैं. हम कितने कठोर हिन्दू हैं, यह हमें बताने की जरूरत नहीं हैं. आप (भाजपा) जिस स्कूल में पढ़ रहे हो, हम वहां के हेडमास्टर हैं.