असम: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन में अब तक तीन की मौत, 27 घायल

सरकार द्वारा संचालित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने ये आंकड़ा दिया है, जहां पर घायलों को इलाज के लिए जाया गया था.

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Tens of thousands of protesters against the CAB descended on the streets of Assam, clashing with police and plunging the state into chaos of a magnitude unseen since the violent six-year movement by students that ended with the signing of the Assam accord. (Photo: PTI)

सरकार द्वारा संचालित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने ये आंकड़ा दिया है, जहां पर घायलों को इलाज के लिए जाया गया था.

Tens of thousands of protesters against the CAB descended on the streets of Assam, clashing with police and plunging the state into chaos of a magnitude unseen since the violent six-year movement by students that ended with the signing of the Assam accord. (Photo: PTI)
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते असम के लोग. (फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी: असम में विवादित नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में अब तक तीन लोगों की मौत हो गई है और 27 लोग घायल हैं. न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने ये जानकारी दी है.

एजेंसी के मुताबिक सरकार द्वारा संचालित गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ने ये आंकड़ा दिया है, जहां पर घायलों को इलाज के लिए जाया गया था.

मालूम हो कि संसद से नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद से असम एवं उत्तर-पूर्व के कई हिस्सों में बड़े विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. बीते 12 दिसंबर को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के साथ ही ये विधेयक अब कानून बन गया है.

इस विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है. नागरिकता संशोधन विधेयक में उन मुसलमानों को नागरिकता देने के दायरे से बाहर रखा गया है जो भारत में शरण लेना चाहते हैं.

इस प्रकार भेदभावपूर्ण होने के कारण इसकी आलोचना की जा रही है और इसे भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को बदलने की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. अभी तक किसी को उनके धर्म के आधार पर भारतीय नागरिकता देने से मना नहीं किया गया है.

इस बीच असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि वे सभी वास्तविक भारतीय नागरिकों और असम के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने कहा, ‘मैं समाज के सभी वर्गों से आह्वान करता हूं कि वे ऐसे लोगों की न सुनें जो नागरिकता संशोधन कानून पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं और हिंसा में लिप्त हैं.’

बता दें कि इस कानून को कई सारे लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और इसे असंवैधानिक घोषित करते हुए इस कानून को खारिज करने की मांग की है.

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