हाल ही में लाए गए नए नियमों के तहत केंद्र सरकार को केंद्रीय और राज्य सूचना आयोग के ऊपर नियंत्रण देना यह सुनिश्चित करेगा कि आरटीआई की अपील पर सरकार की मर्ज़ी के मुताबिक काम हो.
जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि 89 प्रतिशत जल का उपयोग सिर्फ कृषि कार्यों के लिए होता है. ऐसे में ऐसी फसलों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए जिनमें पानी का इस्तेमाल कम करने की ज़रूरत होती है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने 15 फरवरी 2019 के फैसले में कहा था कि पारदर्शिता बरतते हुए सूचना आयुक्तों की नियुक्ति समय पर की जानी चाहिए. हालांकि अभी भी केंद्र और राज्यों में सूचना आयुक्तों के कई पद खाली हैं.
वीडियो: जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने और राज्य को केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता सज्जाद हुसैन से द वायर के कबीर अग्रवाल की बातचीत.
जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म करने और दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के बाद यहां के साढ़े चार सौ से अधिक कारोबारियों, पत्रकारों, वकीलों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की एक सूची तैयार की है, जिनके विदेश जाने पर रोक लगाई गई है. प्रशासन ने किसी भी व्यक्ति को नहीं बताया है कि यह प्रतिबंध कब तक रहेगा.
वीडियो: इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में भारत सरकार और नगा समूहों के बीच चल रही शांति वार्ता के बारे में द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
केवल एक तानाशाह सरकार विपक्षी नेताओं के किसी राज्य में जाने पर रोक लगाकर विदेशी सांसदों को वहां ले जाती है.
कश्मीर में यूरोपीय सांसदों के दल के दौरे को कथित रूप से फंड देने वाला इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर नॉन-अलाइंड स्टडीज़, श्रीवास्तव समूह का हिस्सा है. इसकी वेबसाइट पर इसके कई कारोबार होने की बात कही गई है. हालांकि दस्तावेज़ ऐसा कोई बिज़नेस नहीं दिखाते, जिससे वे यूरोपीय सांसदों को भारत बुलाने और प्रधानमंत्री से मुलाकात करवाने में समर्थ दिखें.
जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के 89वें दिन भी बंद जारी. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के केंद्र सरकार के कदम को असंवैधानिक क़रार दिया. घाटी में कुछ लोगों ने सरकार पर उनका विशेष दर्जा और पहचान छीनने का आरोप लगाया.
गांधी के विचार उनकी मृत्यु के बाद भी संघ की कट्टरता की विचारधारा के आड़े आते रहे, इसलिए अपने पहले कार्यकाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी के सारे मूल्यों को ताक में रखकर उनके चश्मे को स्वच्छता अभियान का प्रतीक बनाकर उन्हें स्वच्छता तक सीमित करने का अभियान शुरू कर दिया था.
जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित क्षेत्र बनाए जाने के बाद अविभाजित जम्मू कश्मीर में लगा राष्ट्रपति शासन बृहस्पतिवार को हटा दिया गया.
बीते पांच अगस्त को मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस की जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बरक़रार रखने की अपील.
पूर्वोत्तर के प्रमुख उग्रवादी समूह एनएससीएन-आईएम नगाओं के लिए अलग झंडा और संविधान की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है. केंद्र अलग झंडा और अलग संविधान जैसी मांगों को पहले ही ख़ारिज कर चुका है.
केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को ख़त्म किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के हालात जानने के लिए श्रीनगर पहुंचे यूरोपीय दल में शामिल जर्मनी के सांसद निकोलस फेस्ट ने यह बात कही है.
भारत को एक इंटरनेशनल बिज़नेस ब्रोकर के ज़रिये विदेशी सांसदों के कश्मीर आने की भूमिका तैयार करने की ज़रूरत क्यों पड़ी? जो सांसद बुलाए गए हैं वे धुर दक्षिणपंथी दलों के हैं. इनमें से कोई ऐसी पार्टी से नहीं है जिनकी सरकार हो या प्रमुख आवाज़ रखते हों. तो भारत ने कश्मीर पर एक कमज़ोर पक्ष को क्यों चुना? क्या प्रमुख दलों से मनमुताबिक साथ नहीं मिला?