आरटीआई संशोधन विधेयक में प्रावधान किया गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों तथा राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवं राज्य सूचना आयुक्तों के वेतन, भत्ते और सेवा काल केंद्र सरकार द्वारा तय किए जाएंगे.
वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सूचना का अधिकार कानून में संशोधन करने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक की धीरज मिश्रा से बातचीत.
वीडियो: नई दिल्ली में बैठक कर सात पूर्व सूचना आयुक्तों ने आरटीआई कानून में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन का कड़ा विरोध किया है. इनका कहना है कि सरकार का ये कदम सूचना आयुक्तों की स्वतंत्रता और स्वायत्तता पर हमला है.
केंद्र सरकार ने 130 से ज्यादा मालमों की समीक्षा के बाद विभिन्न श्रेणियों में नेताओं और सांसदों की सुरक्षा में कटौती की है. यह फैसला खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने खतरे के आकलन के आधार पर यह लिया है.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है लेकिन यदि देश के लोग आरटीआई कानून की शुचिता की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरें तो वह उनका साथ देने के लिए तैयार हैं.
कार्यकर्ताओं का कहना है कि मोदी सरकार को सूचना का अधिकार क़ानून में संशोधन करने के बजाय सूचना आयोगों में आयुक्तों की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि आरटीआई क़ानून और मज़बूत बने.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आरटीआई कानून देश के लोकतंत्र की बहुत बड़ी उपलब्धि थी और इसने सरकार के हितों को कई बार चुनौती दी है.
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने कहा कि इस कानून को लोकसभा में लम्बी बहस और विचार विमर्श के बाद पास किया गया था और मौजूदा सरकार का नया बदलाव सूचना के अधिकार को बेहद कमजोर करने वाला है.
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा से पारित हुए आरटीआई संशोधन विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि इस कानून को व्यापक विचार-विमर्श के बाद बनाया है और संसद ने इसे सर्वसम्मति से पारित किया. अब यह खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है.
वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) क़ानून में प्रस्तावित संशोधन के ख़िलाफ़ दिल्ली में लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में कई सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, विपक्षी दलों के सांसद और विभिन्न राज्यों से आए लोग शामिल थे.
अगर केंद्र की मोदी सरकार को विदेशों से डॉलर में क़र्ज़ लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है तो इसके पीछे पिछले पांच वर्षों के दौरान पनपने वाले आर्थिक संकट का हाथ है.
पर्यावरण मंत्रालय ने संसद में बताया कि केंद्रीय भूजल बोर्ड ने विभिन्न राज्यों में फ्लोराइड, आर्सेनिक, नाइट्रेट और आयरन सहित अन्य हानिकारक धातुओं की भूजल में निर्धारित मानकों से अधिक मात्रा पाए जाने की पुष्टि की है.
सांसदों को लिखे एक पत्र में पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलु ने कहा, 'मैं संसद के प्रत्येक सदस्य से अनुरोध करता हूं कि वे आरटीआई को बचाएं और सरकार को सूचना आयोगों और इस मूल्यवान अधिकार को मारने की अनुमति न दें.'
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सदन में कहा कि मनरेगा गरीबों के लिए है और मोदी सरकार का लक्ष्य गरीबी को ख़त्म करना है. गरीबी दूर करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है.