राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि उन्होंने महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के संबंध में मणिपुर के मुख्य सचिव और डीजीपी को तीन पत्र लिखे थे, जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. इससे पहले एक रिपोर्ट में पता चला था कि राज्य की दो कुकी महिला के क्रूर और अमानवीय उत्पीड़न के संबंध में बीते 12 जून को एनसीडब्ल्यू से शिकायत की गई थी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला था.
मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न का वीडियो सामने आने के बाद राज्य के दस कुकी-ज़ो विधायकों, जिनमें सात भाजपा से हैं, द्वारा जारी बयान में चार अन्य घटनाओं का ब्योरा दिया गया है, जहां 3 मई को हिंसा शुरू होने के बाद से समुदाय की महिलाओं के साथ या तो बलात्कार किया गया या उनकी हत्या कर दी गई.
वीडियो: मणिपुर में निर्वस्त्र घुमाई गईं महिलाओं का ख़ौफ़नाक वीडियो सामने आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मणिपुर हिंसा के संबंध में कोई बयान दिया है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
मणिपुर में हिंसा से संबंधित एक वीडियो सामने आया है, जिसमें भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की दो आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाया जा रहा है. घटना 3 मई को हिंसा भड़कने के अगले दिन हुई. भीड़ ने पुलिस हिरासत से इन महिलाओं और कुछ पुरुषों को क़ब्ज़े में लेकर इस ख़ौफ़नाक घटना को अंजाम दिया था. दो पुरुषों की हत्या कर दी गई थी, जबकि एक महिला से बलात्कार किया गया था.
मणिपुर हिंसा से संबंधित ख़ौफ़नाक वीडियो में निर्वस्त्र घुमाई गईं महिलाओं में से एक ने कहा कि उन्होंने चार पुलिसकर्मियों को कार में बैठे देखा था, जो हिंसा होते हुए देख रहे थे. उन्होंने हमारी मदद के लिए कुछ नहीं किया. कुकी समुदाय की इस महिला के पिता और भाई को भीड़ ने मार डाला था. ये घटना 3 मई को भड़की जातीय हिंसा के अगले दिन 4 मई की है.
वीडियो: सितंबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर अफ्रीका से लाए गए 8 चीते मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए थे. ‘प्रोजेक्ट चीता’ का कई जानकारों ने विरोध भी किया था. अफ्रीका से अब तक 20 चीते लाए गए हैं, जिनमें से 8 की मौत हो चुकी है.
नरेंद्र मोदी की छवि को ख़राब करने वालीं तीस्ता सीतलवाड़ अकेली नहीं हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और भारतीय चुनाव आयोग जैसे स्वतंत्र संस्थानों ने भी अतीत में गुजरात हिंसा और मुख्यमंत्री के रूप में मोदी द्वारा चलाई गई सरकार की भूमिका पर कड़ी टिप्पणियां की थीं.
वन संरक्षण अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए 400 से अधिक पारिस्थिकीविदों ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को लिखे पत्र में कहा है कि यह सिर्फ़ संशोधन नहीं है, बल्कि एक पूरी तरह से नया अधिनियम है. इसके तहत कथित तौर पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए आवश्यक मंज़ूरियों से छूट दे दी गई है.
मणिपुर सरकार का यह फैसला क्वैरमबैंड इमा कीथल जॉइंट कोऑर्डिनेटिंग कमेटी फॉर पीस द्वारा सभी से ‘मदर्स प्रोटेस्ट’ रैली को सफल बनाने की अपील के बाद आया है. इसे देखते हुए राजधानी इंफाल शहर में भी सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए गए हैं. राज्य में बीते 3 मई से जातीय हिंसा जारी है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जल्द ही 11 सदस्यीय समन्वय समिति गठित की जाएगी. हम मुंबई में फिर से मिलेंगे, जहां हम समन्वयकों के नामों पर चर्चा करेंगे और उनकी घोषणा करेंगे. वहीं एनडीए की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्षी दल राजनीतिक स्वार्थ के लिए क़रीब तो आ सकते हैं, लेकिन साथ नहीं आ सकते.
ओलंपिक पदक विजेता मीराबाई चानू ने कहा कि मणिपुर में हिंसा शुरू हुए जल्द ही तीन महीने हो जाएंगे. अधिकारी अभी तक शांति बहाल नहीं कर पाए हैं. हिंसा के कारण बहुत से एथलीट ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे हैं और छात्र पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं. बहुत से लोगों की जान चली गई और कई घर जलकर ख़ाक हो गए.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन दावा करते हैं कि उनकी हुकूमत का केंद्रीय उसूल ‘लोकतंत्र की रक्षा’ है. यह बात सराहने लायक़ है, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के समय वॉशिंगटन में जो कुछ हुआ वह ठीक इसका उल्टा था. अमेरिकी हुक्मरान जिस शख़्स के आगे बिछे हुए थे, उसने भारतीय लोकतंत्र को बहुत व्यवस्थित तरीक़े से कमज़ोर किया है.
बीते कुछ महीनों में ऐसे छोटे-बड़े क़रीब दर्जनभर ठग सामने आए हैं जो पीएमओ या गृह मंत्रालय के नाम पर चूना लगा रहे हैं. यह कुछ नेताओं के इर्द-गिर्द केंद्रित कामकाज की अपारदर्शी शैली का नतीजा है, जिसने सत्ता के धंधेबाजों की तरह-तरह की प्रजातियों के पनपने के लिए मुफ़ीद माहौल तैयार किया है.
रूपेश कुमार सिंह की दोबारा गिरफ़्तारी को सालभर हो गया है और इस बीच उन्हें चार नए मामलों में आरोपी बनाया गया है. बीते दिनों प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे पर ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने पूरे एक पन्ने पर भारतीय जेलों में बंद पत्रकारों की रिहाई की मांग उठाई थी. भारत में भी ऐसी मांग उठाना ज़रूरी है.
मणिपुर में पिछले दो महीने से जातीय हिंसा का दौर जारी है. राज्य में अब तक 140 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 50 हज़ार लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर लगातार सवाल उठा रहे हैं.