विवादित तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी के बाद कृषि संगठन मांग कर रहे हैं कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 700 से अधिक किसानों को उचित मुआवज़ा प्रदान किया जाएगा, जिनका विस्तृत ब्यौरा उनके पास उपलब्ध है.
राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने सदन में पूछा था कि क्या आप्रवासी भारतीयों को एयरपोर्ट पर परेशान कर उन्हें वापस भेजने के मामले सामने आए हैं और क्या उनसे प्रदर्शनकारी किसानों की मदद बंद करने के लिए कहा गया था. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसे संसद में पूछे जाने वाले सवालों की सूची से हटा दिया गया.
याचिकाकर्ताओं को भेजे एक ईमेल में कहा गया है कि जिस डिवाइस में कथित रूप से पेगासस स्पायवेयर डाला गया था, उसे नई दिल्ली में जमा कराया जाए. हालांकि यह नहीं बताया गया है कि आखिर इसे किस जगह पर जमा करना है.
वॉट्सऐप या फेसबुक के उलट एप्पल विवादित नहीं है और मोदी सरकार द्वारा इसे काफी ऊंचे पायदान पर रखा जाता है. इस पृष्ठभूमि में अब तक पेगासस के इस्तेमाल को नकारती आई भारत सरकार के लिए एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम में हुई सेंधमारी के संबंध में कंपनी के निष्कर्षों को नकारना बहुत मुश्किल होगा.
सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी के बजाय 50 किमी अंदर तक के क्षेत्र में तलाशी, ज़ब्ती और गिरफ़्तारी के लिए अधिकृत करने को लेकर केंद्र ने हाल में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया है.
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों का आंदोलन पिछले साल 26-27 नवंबर को ‘दिल्ली चलो’ कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ था. इन क़ानूनों को सरकार ने वैसे तो वापस ले लिया है, लेकिन किसानों का कहना है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की क़ानूनी गारंटी मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा.
वीडियो: द वायर ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने के बाद मुख्यधारा के मीडिया के यू-टर्न पर दिल्ली की टिकरी सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों से बात की. किसानों का कहना है कि जिस मीडिया ने उन्हें आतंकवादी, खालिस्तानी, देशद्रोही कहा, उन्हें उनका सामना करना पड़ेगा.
वीडियो: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते हुई संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन जारी रखने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अभी भी कई मुद्दे हैं, जिनके समाधान के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा.
बीते कुछ दिनों से भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करते हुए नज़र आ रहे हैं. उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था और सीमा सुरक्षा के क्षेत्र में विफल रही है. महंगाई पर स्वामी के एक ट्वीट पर एक उपयोगकर्ता ने कहा था कि यह पूरी तरह से ‘मोदीनॉमिक्स’ है. इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि या ये ‘मोदीकॉमिक्स’ है, क्योंकि वह अर्थशास्त्र नहीं जानते हैं.
वीडियो: किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना है कि जब तक एमएसपी क़ानून पूरी तरह से लागू नहीं हो जाता तब तक किसानों की मांगें पूरा नहीं हो सकती हैं. उन्होंने कहा कि एमएसपी की गारंटी मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को बुधवार को मंज़ूरी दे दी, जिसे 29 नवंबर को शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान लोकसभा में पारित करने के लिए पेश किया जाएगा. किसान नेताओं ने इसे ‘औपचारिकता’ क़रार देते हुए अन्य मांगों, विशेषकर कृषि उपजों के लिए एमएसपी की क़ानूनी गारंटी को पूरा करने की मांग की है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को वहां की महिला किसानों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए. लखनऊ की किसान महापंचायत में शामिल ये महिला किसान अपनी मांगों और आंदोलन में अपने योगदान की जानकारी दे रही हैं.
वीडियो: बीते 22 नवंबर को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में किसान महापंचायत हुआ, जिसमें देश के कोने-कोने से किसानों ने हिस्सा लिया. इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ़ कर दिया कि किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
तीनों कृषि क़ानूनों को इसलिए निरस्त नहीं किया गया क्योंकि प्रधानमंत्री 'कुछ किसानों को विश्वास दिलाने में विफल' रहे, बल्कि उन्हें इसलिए वापस लिया गया क्योंकि कई किसान दृढ़ता से खड़े रहे, जबकि कायर मीडिया उनके ख़िलाफ़ माहौल बनाकर उनके संघर्ष और ताक़त को कम आंकता रहा.
कृषि क़ानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के सदस्यों में से एक अनिल घानवत ने यह भी कहा कि कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को क़ानूनी गारंटी बनाने और एमएसपी पर सभी कृषि फसलों की खरीद सुनिश्चित करने की किसानों की मांग ‘असंभव है और लागू करने योग्य नहीं है.’