किसान महापंचायत: टिकैत बोले, देश में ‘सेल फॉर इंडिया’ का बोर्ड लग चुका है, आंदोलन चलाने पड़ेंगे

उत्तर प्रदेश के अलावा कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन तेज़ करने की रणनीति के तहत कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से मुज़फ़्फ़रनगर में महापंचायत का आयोजन किया गया. महापंचायत का जहां विपक्ष के नेताओं ने समर्थन किया है, वहीं भाजपा ने इसे चुनावी रैली क़रार दिया है. हालांकि भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा है कि किसानों के साथ फ़िर से बातचीत शुरू करनी चाहिए.

भाजपा के नेताओं और मंत्रियों के महंगाई पर अजब-गजब बयान

वीडियो: भारत की जनता महंगाई की मार झेल रही है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. इस साल जनवरी से सितंबर तक रसोई गैस के दाम 190 रुपये तक बढ़ गए, वहीं पेट्रोल के दाम 100 के पार भी गए. इस बीच भाजपा के नेताओं और मंत्रियों के अजब-गजब बयान आते रहे. सरकार में आने से पहले और बाद में भाजपा मंत्रियों और नेताओं के बयानों को सुना जाना चाहिए.

कॉलेजियम ने हाईकोर्ट में 68 जजों की सिफ़ारिश की, इसमें से 12 पर केंद्र ने जताई थी आपत्ति

सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने केंद्र की दलीलों को दरकिनार करते हुए 12 ऐसे नामों को दोहराया है, जिस पर मोदी सरकार ने पूर्व में आपत्ति जताई थी. नियम के मुताबिक यदि कॉलेजियम किसी सिफ़ारिश को दोहराती है तो केंद्र सरकार को हर हाल में उसकी नियुक्ति सुनिश्चित करनी होगी.

राष्ट्रपति जी, ‘राम सबके और सबमें हैं’ उन्हें समझाइए जो राम नाम पर हमवतनों का जीना मुहाल किए हैं

अयोध्या में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपने संबोधन में न अवध की ‘जो रब है वही राम है’ की गंगा-जमुनी संस्कृति की याद आई, न ही अपने गृहनगर कानपुर के उस रिक्शेवाले की, जिसे बीते दिनों बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम होने के चलते पीटा और जबरन ‘जय श्रीराम’ बुलवाकर अपनी ‘श्रेष्ठताग्रंथि’ को तुष्ट किया था.

26 जनवरी की घटनाओं के संबंध में किसानों को जारी नोटिस पर मोर्चा ने दिल्ली पुलिस की आलोचना की

दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि पुलिस केंद्र सरकार के इशारे पर इस प्रकार के असंवैधानिक और अवैध कार्य कर रही है, क्योंकि जिन किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनके नाम एफ़आईआर में नहीं हैं और न ही उन्होंने किसी हिंसक गतिविधि में भाग लिया है. बीते 26 जनवरी को कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया गया था. इस

रसोई गैस की कीमत में फ़िर 25 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी, दो महीनों के भीतर तीसरी बार बढ़े दाम

घरेलू रसोई गैस की कीमत पिछले सात वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है. एक मार्च 2014 को घरेलू गैस का खुदरा मूल्य 410.5 रुपये प्रति सिलेंडर था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की जो कीमतें हैं, वह साल 2014 की तुलना में बहुत अधिक थीं. फ़िर भी कांग्रेस ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में कीमतों को बहुत कम रखा था. भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू ने मांग

मोदी सरकार को मौद्रिकरण योजना का लाभ कुछ ही कॉरपोरेट समूहों को मिलने की स्थिति से बचना होगा

बैंक फंडों तक पहुंच वाले संभवतः चार या पांच कॉरपोरेट समूह ही हवाई अड्डों, बंदरगाहों, कोयला खदानों, गैस पाइपलाइनों और बिजली उत्पादन परियोजनाओं के दीर्घावधिक लीज़ के लिए बोली लगाएंगे. ऐसे में कहने के लिए भले ही स्वामित्व सरकार के पास रहे, पर ये सार्वजनिक संपत्तियां कुछ चुनिंदा कॉरपोरेट समूहों की झोली में चली जाएंगी, जो पहले ही एक सीमा तक एकाधिकार की स्थिति में हैं.

केंद्र ने हाईकोर्ट में किया नए आईटी नियमों का बचाव, कहा- प्रेस की आज़ादी का दुरुपयोग रोकेंगे

सूचना व प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से दायर हलफ़नामे में कहा गया कि मीडिया में ग़लत जानकारी के प्रचार के कारण क़ानून व व्यवस्था बिगड़ने के कई मामले सामने आ चुके हैं. नए नियम डिजिटल मीडिया में फ़र्ज़ी ख़बरों से नागरिकों की रक्षा का काम करेंगे.

तमिलनाडु विधानसभा ने केंद्र के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सदन को बताया कि कृषि क़ानूनों की वापसी की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले किसानों और राजनीतिक दलों के नेताओं के ख़िलाफ़ राज्य में दर्ज किए गए सभी मामले वापस लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा और खेती को बड़ी कंपनियों के क़ब्जे़ में जाने से रोकने के लिए केंद्र को इन क़ानूनों को वापस लेना चाहिए.

विश्वविद्यालयों में घटता आलोचनात्मक चिंतन का दायरा

विश्वविद्यालय परिसर को ऐसा होना ही चाहिए जहां भय न हो, आत्मविश्वास हो, ज्ञान की मुक्ति हो और जहां विवेक की धारा कभी सूखने न पाए. तमाम सीमाओं के बावजूद भारतीय विश्वविद्यालय कुछ हद तक ऐसा माहौल बनाने में सफल हुए थे. पर पिछले पांच-सात वर्षों से कभी सुधार, तो कभी ‘देशभक्ति’ के नाम पर ‘विश्वविद्यालय के विचार’ का हनन लगातार जारी है.

गृह मंत्रालय ने सीआईसी से कहा- फोन टैपिंग की सूचना नहीं दे सकते, क़ानून का उल्लंघन होगा

नीलेश गजानन मराठे नाम के एक व्यक्ति ने आरटीआई आवेदन दायर कर पूछा था कि क्या उनके दो मोबाइल फोन की कोई ग़ैर क़ानूनी फोन टैपिंग की गई थी. इसके जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि टेलीग्राफ क़ानून के तहत नियमानुसार फोन टैपिंग का प्रावधान है, लेकिन इसकी जानकारी नहीं दे सकते क्योंकि यह क़ानून के उद्देश्य को ही निरर्थक कर देगा.

महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र को चेताया- अगर जम्मू कश्मीर ने सब्र खोया, तो आप गायब हो जाएंगे

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि केंद्र के पास अब भी जम्मू कश्मीर में एक संवाद प्रक्रिया शुरू करने का अवसर है जैसे पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी ने किया था और उनके पास सूबे की पहचान को अवैध रूप से और असंवैधानिक तरीके से छीनकर की गई ग़लती को सुधारने का एक मौक़ा है, अन्यथा बहुत देर हो जाएगी.

एलजी ने ऑक्सीजन की कमी से मौतों की जांच के लिए पैनल बनाने के प्रस्ताव को ठुकराया: मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से हुईं मौतों की जांच के लिए कमेटी बनाने का प्रस्ताव फिर से नामंज़ूर कर दिया है. हालांकि, उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने उपमुख्यमंत्री के बयान को भ्रामक बताते हुए कहा कि मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है. 

किसान आंदोलन: हरियाणा में प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ राजद्रोह के दो मामले समेत कुल 138 केस दर्ज

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने विधानसभा में बताया कि राज्य में कृषि क़ानूनों के विरोध में हुए प्रदर्शनों के संबंध में ज़्यादातर मामले कुरुक्षेत्र, सोनीपत, भिवानी, हिसार, सिरसा और फ़तेहाबाद ज़िलों में दर्ज किए गए हैं. ये मामले दंगा, घातक हथियार से लैस होने, आदेश की अवज्ञा, लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने सहित विभिन्न धाराओं से संबंधित हैं. सभी 138 मामले सितंबर 2020 से अब तक दर्ज किए गए हैं.

आरएसएस से जुड़े किसान संघ ने कहा- नए कृषि क़ानूनों में सुधार की ज़रूरत

भारतीय किसान संघ ने कहा है कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत समेत फ़सल की लाभदायक कीमत देने की मांग पर आठ सितंबर को देशव्यापी आंदोलन होगा. तीन नए कृषि क़ानूनों में एमएसपी सुनिश्चित करने के बारे में कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए एक अलग क़ानून बनाना चाहिए. इसके अलावा आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव के बारे में भी अपनी संघ ने आपत्ति जताई, जो बड़ी कंपनियों को कुछ वस्तुओं को स्टॉक करने की अनुमति देता है.

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