इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने संसद में कहा था कि उसने इज़राइल स्थित एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर को ख़रीदने को लेकर कोई लेन-देन नहीं किया है. एनएसओ समूह पर भारत सहित कई देशों में पत्रकार, कार्यकर्ता और नेताओं के फोन पर नज़र रखने के लिए पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि सरकार कश्मीर में आतंकवादी हिंसा के चलते अपने घरों से पलायन कर गए कश्मीरी पंडितों की पैतृक संपत्ति को बहाल करने के प्रयास कर रही है तथा अभी तक नौ संपत्तियों को उनके उचित एवं वास्तविक स्वामियों को वापस कर दिया गया है.
जिस दिन अख़बार और टीवी चैनल जेवलिन थ्रो में एथलीट नीरज चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने के ब्योरे छाप रहे थे, जिस दिन नीरज के पहले कोच नसीम अहमद उन्हें याद कर रहे थे, उसी दिन दिल्ली में सैकड़ों लोग भारत के नसीम अहमद जैसे नाम वालों को काट डालने के नारे लगा रहे थे और हिंदुओं को उनका क़त्लेआम करने का उकसावा दे रहे थे.
वीडियो: दिल्ली की अदालत ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी के आरोप में गिरफ़्तार किए गए भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय को जमानत दे दी है. वहीं, पेगासस जासूसी विवाद के बीच सरकार ने बीते सोमवार को कहा कि उसने एनएसओ समूह के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है. इन मुद्दों पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
विशेष रिपोर्ट: बुंदेलखंड पैकेज का उद्देश्य सिंचाई, पेयजल, कृषि, पशुपालन समेत विभिन्न क्षेत्रों में सुधार कर पूरे इलाके का समग्र विकास करना था, लेकिन इसके तहत बनीं संरचनाओं की दयनीय स्थिति इसकी असफलता की कहानी बयां करती है. मंडियों को अभी भी खुलने का इंतज़ार है, उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान ज़्यादा पानी वाली फ़सल उगाने को मजबूर हैं, जो कि क्षेत्र में एक अतिरिक्त संकट की आहट है.
कश्मीरी पत्रकार इरफ़ान अमीन मलिक ने जम्मू कश्मीर की फिल्म नीति के बारे में सात अगस्त की शाम को एक ट्वीट पोस्ट किया था. हालांकि ट्वीट पोस्ट करने के दो मिनट के भीतर ही उन्होंने उसे डिलीट कर दिया था, लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस ने आठ अगस्त को मलिक को दक्षिण कश्मीर के त्राल पुलिस स्टेशन बुलाया, जहां उनसे इस संबंध में पांच घंटे तक पूछताछ की गई.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में बताया कि पेट्रोल (अनब्रांडेड) पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क 32.90 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीज़ल (अनब्रांडेड) पर यह 31.80 रुपये प्रति लीटर है. बीते 19 जुलाई को केंद्र सरकार ने बताया था कि वित्त वर्ष 2020-21 में पेट्रोल-डीज़ल पर केंद्र की ओर से लगाए जाने वाले उत्पाद शुल्क के ज़रिये राजस्व का संग्रह 88 प्रतिशत बढ़कर 3.35 लाख करोड़ रुपये हो गया.
पांच अगस्त, 2019 से पहले जब जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्ज़ा प्राप्त था तो राज्य विधानसभा को किसी नागरिक को परिभाषित करने का संवैधानिक अधिकार था. केवल वे परिभाषित नागरिक ही राज्य में नौकरियों के लिए आवेदन करने या अचल संपत्ति ख़रीदने के हक़दार होते थे.
इज़रायल के एनएसओ समूह ने सैन्य स्तरीय जासूसी स्पायवेयर पेगासस को विकसित किया है, जिस पर भारत सहित कई देशों में तमाम नेताओं, पत्रकार और कार्यकर्ताओं आदि के फोन पर नज़र रखने के आरोप लग रहे हैं. रक्षा मंत्रालय के एसएसओ समूह से लेन-देन के संबंध में इनकार पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि रक्षा मंत्रालय सही है, तो एक मंत्रालय/विभाग को इससे अलग कर देते हैं, लेकिन शेष सभी मंत्रालयों/विभागों की ओर से केवल प्रधानमंत्री ही जवाब
इज़रायल स्थित एनएसओ ग्रुप के स्पायवेयर पेगासस से कथित तौर पर जासूसी कराए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं के सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर समानांतर वाद-विवाद करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर की है. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत वाद-विवाद की विरोधी नहीं है, लेकिन जब मामला अदालत में लंबित है तो इस पर चर्चा यहीं होनी चाहिए.
वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर बीते नौ अगस्त को प्रदर्शनकारी महिला किसानों ने किसान संसद का आयोजन किया था. इस दौरान महिला किसानों ने केंद्र सरकार के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव पारित किया. महिला किसान संसद में भाग लेने के लिए दिल्ली और आसपास के इलाकों की महिलाएं जंतर मंतर पहुंचीं और मंच से अपनी बात रखी.
विश्वविद्यालय में यह तर्क नहीं चल सकता कि चूंकि पैसा सरकार (जो असल में जनता का होता है) देती है, इसलिए विश्वविद्यालयों को सरकार की तरफ़दारी करनी ही होगी. बेहतर समाज के निर्माण के लिए ज़रूरी है कि विश्वविद्यालय की रोज़मर्रा के कामकाज में कम से कम सरकारी दख़ल हो.
पेगासस जासूसी विवाद एवं कृषि क़ानूनों पर चर्चा के लिए विपक्षी दलों ने मिलकर तीन मिनट का एक वीडियो बनाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार उनकी मांगों को सुने.
सीआईसी के आदेश के अनुपालन में एक पत्र में सरकार की ओर से लिखा गया है कि कोविड-19 के मद्देनज़र ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) सचिव की अध्यक्षता में ऐसी कोई समिति गठित नहीं की गई थी. इस पर आरटीआई के तहत जानकारी मांगने वाले कार्यकर्ता ने कहा है कि जब ऐसी कोई समिति अस्तित्व में ही नहीं थी फ़िर सरकार ने सीआईसी के समक्ष उस समिति के रिकॉर्ड को
सात देशों के 17 पत्रकारों ने रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के साथ मिलकर एनएसओ ग्रुप के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है. संगठन की ओर से कहा गया है कि जांच में उन सभी लोगों की पहचान करनी चाहिए, जो इसमें शामिल थे, फिर चाहे वह कंपनी के कार्यकारी अधिकारी हो या संबंधित देशों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी. एक ऐसे स्कैंडल में जिसमें प्रेस की स्वतंत्रता को खामियाजा भुगतना पड़े, किसी तरह का संदेह नहीं रहना चाहिए.