विवादित केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के समझौते को अंतिम रूप देते समय केन नदी में जल की मात्रा का पता लगाने के लिए नया अध्ययन कर आंकड़ों को अपडेट करने की ज़रूरत महसूस की गई. लेकिन एक अधिकारी के निर्देश पर पुराने डेटा को बरक़रार रखा गया और अंत में इसी आधार पर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों ने क़रार पर दस्तख़त कर दिए.
संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा भाकियू प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी को उनके एक बयान को लेकर निलंबित किया है. चढूनी ने कहा था कि किसान आंदोलन में शामिल पंजाब के किसान संगठनों को विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए. एसकेएम का कहना है वे कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं, राजनीति नहीं कर रहे.
सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2015 को आईटी एक्ट की धारा 66ए रद्द कर दिया था. बीते 5 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने इसे ख़त्म किए जाने के बावजूद राज्यों द्वारा इस धारा के तहत केस दर्ज किए जाने पर हैरानी जताते हुए केंद्र सरकार नोटिस जारी किया था.
द वायर द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि केन-बेतवा प्रोजेक्ट के तहत सरकार जितनी ज़मीन प्रतिपूरक वनीकरण के रूप में दिखा रही है, उसमें से भी काफ़ी स्थानीय निवासियों की निजी भूमि है.
बीते 11 जुलाई को प्रदर्शनकारी किसानों ने हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा की कार पर कथित तौर पर हमला कर दिया था जिससे उसका शीशा टूट गया था. संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता दर्शन पाल ने कहा कि गाड़ी का शीशा टूटने पर राजद्रोह और हत्या के आरोप को कैसे न्यायोचित ठहराया जा सकता है.
बीते मार्च महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच विवादित केन-बेतवा लिंक परियोजना संबंधी क़रार पर दस्तख़त किए गए. सुप्रीम कोर्ट की एक समिति ने इस पर गंभीर सवाल उठाए थे, हालांकि दस्तावेज़ दर्शाते हैं कि मोदी सरकार ने इन्हें नज़रअंदाज़ किया.
अफ़ग़ान सरकार के अधिकारियों ने इस दावे को ख़ारिज कर दिया कि तालिबान ने देश के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित किया है. भारत ने कंधार के आसपास के नए इलाकों पर तालिबान के क़ब्ज़े के मद्देनज़र अपने वाणिज्य दूतावास से क़रीब 50 राजनयिकों और सुरक्षाकर्मियों को वापस बुला लिया है. अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा अफ़ग़ानिस्तान में वर्षों से चल रहे युद्ध को समाप्त करने की घोषणा मध्य अप्रैल में किए जाने के बाद तालिबान ने पूरे देश में अपनी गतिविधियां
मंत्रिपरिषद के विस्तार के बाद भले ही मंत्रियों की संख्या 77 पहुंच गई हो, लेकिन चुने गए ये सभी महिला और पुरुष केवल प्रिय नेता की भूमिका का बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए हैं.
संविधान के अनुच्छेद 139ए के तहत केंद्र सरकार ने सात जुलाई को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसमें आईटी नियमों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने के लिए कहा गया था. अदालत ऐसा करने से मना कर दिया है.
केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर न्यूज़ बॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) की याचिका पर उससे जवाब मांगा है. इस याचिका में दलील दी गई है कि नए आईटी नियम सरकारी अधिकारियों को मीडिया की अभिव्यक्ति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ‘अनुचित रूप से प्रतिबंधित करने’ की ‘अत्यधिक शक्ति’ प्रदान करते हैं.
डिजिटल मीडिया कंटेंट रेगुलेटरी काउंसिल (डीएमसीआरसी) ने स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म डिज़्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज़ ‘ग्रहण’ के ट्रेलर के ख़िलाफ़ दायर अपील को ख़ारिज कर दिया है. शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि इस सीरीज़ का उद्देश्य 1984 के सिख विरोधी दंगों के बारे में एक झूठी कहानी गढ़ना है.
एक आरटीआई आवेदन में पूछा गया था कि केवल सरकारी विभागों को मिल सकने वाला जीओवी डॉट इन डोमेन पीएम केयर्स को कैसे आवंटित हुआ. केंद्रीय सूचना आयोग में हुई सुनवाई में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इस बात का ख़ुलासा करने से रोका गया था.
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए आईटी नियमों के ख़िलाफ़ द वायर, द न्यूज़ मिनट, द क्विंट आदि समाचार वेबसाइट ने अदालत में याचिका दायर की है, जिसमें नियमों का पालन नहीं करने के लिए सरकारी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है.
केंद्र सरकार ने क़रीब एक साल पहले कहा था कि भारत में निर्मित 50,000 वेंटिलेटर के लिए पीएम केयर्स फंड से 2,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. हालांकि वेंटिलेटर्स ख़रीदने एवं इसके वितरण के संबंध में सिर्फ़ 1,532 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निजी निर्माताओं द्वारा बनाए 16,000 वेंटिलेटर कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद भी अभी तक अस्पतालों में नहीं लगाए गए हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर एक ओसीआई कार्डधारक के विदेशी मूल के जीवनसाथी को उसकी लैंगिकता की परवाह किए बिना ओसीआई पंजीकरण की अनुमति देने की मांग की गई है. उन्होंने तमाम विवाह क़ानूनों के तहत समलैंगिक शादी को मान्यता प्रदान करने की गुज़ारिश की है.