उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या, जानिए पूरी कहानी

वीडियो: पिछले कुछ दिनों में दो घटनाएं हुईं. पहली, बीते 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में दो लोगों ने धारदार हथियार से एक कन्हैया लाल नाम के एक दर्ज़ी की हत्या कर दी थी और उसका वीडियो सार्वजनिक कर कहा कि वे ‘इस्लाम के अपमान’ का बदला ले रहे हैं. दूसरी, ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है. इन घटनाओं की पड़ताल करती द वायर की रिपोर्ट.

मोहम्मद ज़ुबैर की हिरासत से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को उस याचिका पर अपना जवाब दाख़िल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया, जिसमें निचली अदालत के 28 जून के आदेश को चुनौती दी गई है. निचली अदालत ने ज़ुबैर को चार दिन की पुलिस हिरासत में देने का आदेश दिया था. ज़ुबैर को एक ट्वीट के ज़रिये धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में बीते 27 जून को गिरफ़्तार किया था.

उदयपुर हत्या: संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ने कहा- हम सभी धर्मों का सम्मान करने का आह्वान करते हैं

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने उदयपुर में एक शख़्स की नृशंस हत्या के बाद राजस्थान में उपजे सांप्रदायिक तनाव के बीच यह टिप्पणी की. वहीं, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घृणा संबंधी अपराधों के लिए ज़िम्मेदार लोगों को कोई छूट नहीं मिले.

ज़ुबैर गिरफ़्तारी: पत्रकार जो लिखते या कहते हैं उसके लिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए- यूएन

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा कि दुनिया में कहीं पर भी यह बेहद ज़रूरी है कि लोगों को खुलकर अपनी बात कहने की अनुमति दी जाए. पत्रकारों को मुक्त होकर और किसी भय के बिना अपनी बात कहने की छूट होनी चाहिए.

ऊपर हृषिकेश मुखर्जी ख़ैर मना रहे होंगे कि दिल्ली पुलिस की पकड़ से महफ़ूज़ निकल आए!

सरकार के कारिंदे आधी शती पहले की इमरजेंसी की ज़्यादतियों को कोसते हैं, पर देशवासी बिना किसी एलानिया इमरजेंसी के तबसे बदतर हालात में जी रहे हैं.

दिल्ली की अदालत ने पत्रकार ज़ुबैर की हिरासत चार दिन के लिए बढ़ाई

दिल्ली की अदालत ने 2018 के एक ट्वीट के सिलसिले में गिरफ़्तार किए गए ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर से पूछताछ के लिए हिरासत की अवधि चार दिन बढ़ाते हुए कहा कि उन्होंने जांच में 'सहयोग' नहीं किया है और उन्हें उनके उपकरण बरामद करने के लिए बेंगलुरु ले जाया जाना है.

जिस ट्वीट को ज़ुबैर की गिरफ़्तारी की वजह बताया गया है, वो 1983 की हिंदी फिल्म का दृश्य है

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के जिस ट्ववीट को 'धार्मिक भावनाओं को भड़काने' वाला बताने का दावा करते हुए दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया है, वह साल 1983 में आई मशहूर निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी की कॉमेडी फिल्म 'किसी से न कहना' का एक दृश्य है, जिसमें 'हनीमून होटल' की मात्राओं में फेरबदल करते हुए इसे 'हनुमान होटल' लिखा गया था.

एडिटर्स गिल्ड की ज़ुबैर की रिहाई की मांग, कहा- दुष्प्रचार करने वाले ऑल्ट न्यूज़ के ख़िलाफ़

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने की निंदा करते हुए एडिटर्स गिल्ड ने उनकी फ़ौरन रिहाई की मांग की है. वहीं, ऑनलाइन प्रकाशकों के संगठन डिजिपब ने पत्रकारों के ख़िलाफ़ क़ानून के इस तरह इस्तेमाल को अनुचित बताते हुए पुलिस से मामला वापस लेने का आग्रह किया है.

ऑल्ट न्यूज़ वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया

ऑल्ट न्यूज़ के एक अन्य सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने कहा कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मोहम्मद ज़ुबैर को 2020 में दर्ज एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन शाम को बताया गया कि उन्हें एक अन्य मामले में ​दर्ज एफ़आईआर के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया है. सूत्रों ने बताया कि गिरफ़्तारी हिंदू धार्मिक भावनाओं को कथित रूप से आहत करने के मामले में हुई है.

हिंदुत्ववादी नेताओं को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहने वाले पत्रकार पर दर्ज केस रद्द करने से इनकार

ट्विटर पर तीन हिंदू संतों- यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को कथित नफ़रत फैलाने वाला कहने पर ‘आल्ट न्यूज़’ वेबसाइट के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के ख़ैराबाद थाने में बीते एक जून को मामला दर्ज किया गया था. केस रद्द करने से इनकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पहली नज़र में प्रतीत होता है कि ज़ुबैर ने अपराध किया है और मामले की जांच करने की ज़रूरत है.

कट्टर हिंदुत्व नेताओं को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहने पर पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ एफआईआर

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने एक ट्वीट में हिंदुत्ववादी नेताओं- यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को 'घृणा फैलाने वाला' बताया था. इसे लेकर 'राष्ट्रीय हिंदू शेर सेना' के ज़िला प्रमुख भगवान शरण की शिकायत पर यूपी पुलिस ने उनके खिलाफ़ मामला दर्ज किया है.