मोहम्मद ज़ुबैर ने सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश में दर्ज छह एफ़आईआर रद्द करने की अपील की

फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले में दो और सीतापुर, लखीमपुर खीरी, ग़ाज़ियाबाद और मुज़फ़्फ़रनगर ज़िलों में एक-एक केस दर्ज किए गए हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते 12 जुलाई को इन मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया है.

सीतापुर मामले में मोहम्मद ज़ुबैर की अंतरिम ज़मानत अवधि अगले आदेश तक बढ़ाई गई

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने कथित तौर पर कट्टर हिंदुत्ववादी नेताओं यति नरसिंहानंद, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहा था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले के ख़ैराबाद थाने में बीते एक ​जून को उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था. 

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक ज़ुबैर को लखीमपुर कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को उत्तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से पांच दिन की अंतरिम ज़मानत मिलने के तुरंत बाद लखीमपुर खीरी पुलिस ने एक अन्य मामले में उसी दिन एक वॉरंट तामील कराया था. बीते साल के एक ट्वीट में ज़ुबैर ने सुदर्शन टीवी के ट्विटर हैंडल से साझा की गई मदीना मस्जिद की छेड़छाड़ की गई तस्वीर पर सवाल उठाया था. इसे लेकर लखीमपुर के सुदर्शन टीवी

ज़ुबैर केस: एएसजी द्वारा ‘सम्मानित’ कहे गए बजरंग मुनि ने किया था मुस्लिम महिलाओं से रेप का आह्वान

सुप्रीम कोर्ट में पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर की याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि बजरंग मुनि 'सम्मानित' धार्मिक नेता हैं, जिनके बहुत अनुयायी हैं. बजरंग मुनि का मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हेट स्पीच का एक लंबा इतिहास रहा है, जिसके चलते वे एक बार गिरफ़्तार भी हुए थे.

यूपी पुलिस ने मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ दर्ज एक और एफआईआर के सिलसिले में वॉरंट जारी किया

यह नया वॉरंट लखीमपुर पुलिस ने सुदर्शन न्यूज़ के एक रिपोर्टर की शिकायत पर मोहम्मद ज़ुबैर के ख़िलाफ़ साल 2021 में दर्ज एक एफआईआर के सिलसिले में जारी किया है. लखीमपुर पुलिस का यह वॉरंट शुक्रवार को सीतापुर पुलिस द्वारा दर्ज मामले में ज़ुबैर को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम ज़मानत मिलने के बाद सामने आया है.

ऑल्ट न्यूज़ सिर्फ़ घरेलू भुगतान ही ले सकता था: ऑनलाइन भुगतान मंच रेज़रपे

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ़्तार किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इस वेबसाइट की तरफ से विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) का कथित रूप से उल्लंघन किए जाने की जांच की जा रही है. संस्थान पर विदेशों से चंदा प्राप्त करने का आरोप लगा था, जिसका उसने खंडन किया था.

यूपी में दर्ज मामले में ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को पांच दिन की अंतरिम ज़मानत

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने कथित तौर पर कट्टर हिंदुत्ववादी नेताओं यति नरसिंहानंद, महंत बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहा था. इस संबंध में उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले के ख़ैराबाद थाने में बीते एक ​जून को उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था. धार्मिक भावनाएं आहत करने के एक अन्य मामले में ज़ुबैर को बीते 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया है. इस मामले के चलते वह फिलहाल हिरासत में ही

ज़ुबैर की ज़मानत ख़ारिज होने पर क़ानूनविदों ने उठाए सवाल, कहा- और कितना नीचे गिरेगी न्याय व्यवस्था

दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए फैक्ट-चेकर मोहम्मद ज़ुबैर पर दर्ज मामले और उनकी हिरासत को लेकर नज़र आ रहीं स्पष्ट ख़ामियों पर सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश, एक उच्च न्यायालय के जज और वकीलों ने सवाल उठाए हैं.

‘मोहम्मद ज़ुबैर जैसे पत्रकार रास्ते से हट जाएं तो भाजपा बेरोक-टोक झूठ फैला सकती है’

वीडियो: फैक्ट-चेक वेबसाइट ‘ऑल्ट न्यूज़’ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को बीते 27 जून को धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. उनके ख़िलाफ़ एक अज्ञात ट्विटर एकाउंट के ज़रिये शिकायत दर्ज कराई गई थी. द वायर की पड़ताल में सामने आया है कि उस एकाउंट का संबंध भारतीय जनता युवा मोर्चा के एक पदाधिकारी और टेक फॉग नेटवर्क से है. इस पड़ताल को अंजाम देने वाले देवेश कुमार और नाओमी बार्टन से दीपक

पत्रकारों ने कहा- मीडियाकर्मियों पर एफ़आईआर और छापे प्रेस को बुरी तरह प्रभावित करेंगे

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी का उल्लेख करते हुए दिल्ली के सात मीडिया संगठनों ने कहा कि सरकार का पत्रकारों को निशाना बनाना पूरे पेशे के भविष्य के लिए ख़तरनाक है.

हिंदुत्ववादी नेताओं को ‘घृणा फैलाने वाला’ बताने पर मोहम्मद ज़ुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत

पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर ने अपने एक ​ट्वीट में कट्टर हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप को ‘घृणा फैलाने वाला’ कहा था, जिसे लेकर बीते एक जून को उत्तर प्रदेश में सीतापुर ज़िले के ​खैराबाद में उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया था. ऐसे ही एक अन्य मामले में ​दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने के बाद वह पहले से ही 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं.

विदेशी फंड प्राप्त करने के झूठे आरोप हमारा संस्थान बंद कराने की कोशिश हैं: ऑल्ट न्यूज़

बीते 27 जून को मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के बाद वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ पर लग रहे विदेशी फंड प्राप्त करने के आरोपों के बीच संस्थान ने एक बयान जारी करके इसका खंडन किया है. धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में ज़ुबैर की गिरफ़्तारी के बाद ये आरोप लगाए गए हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने कहा है कि ये आरोप हमारे द्वारा किए जा रहे बेहद महत्वपूर्ण कार्य को बंद कराने का प्रयास है. हम हमें रोकने के इस प्रयास के ख़िलाफ़

ज़ुबैर के ख़िलाफ़ शिकायत करने वाला ट्विटर एकाउंट टेक फॉग ऐप और भाजयुमो नेता से संबद्ध

एक्सक्लूसिव: द वायर की पड़ताल में गुजरात के एक भाजयुमो नेता से जुड़े ट्विटर एकाउंट्स का एक नेटवर्क सामने आया है, जिसका इस्तेमाल ऑल्ट न्यूज़ के ख़िलाफ़ संगठित हमले करने के लिए किया गया था.

मोहम्मद ज़ुबैर की ज़मानत याचिका खारिज़, दिल्ली पुलिस ने नए आरोप जोड़े

ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक और पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर को पांच दिन तक हिरासत में लेकर पूछताछ की अवधि पूरी होने के बाद शनिवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया था. पुलिस के और पूछताछ करने के अनुरोध के बाद कोर्ट ने उन्हें चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

जानबूझकर फैलाई जा रहीं फ़र्ज़ी ख़बरों से मीडिया के प्रति विश्वास घटता है: पत्रकार मारिया रेसा

साक्षात्कार: हाल ही में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा की वेबसाइट रैपलर को वहां की सरकार ने बंद करने का आदेश दिया है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी से बातचीत में मारिया ने कहा कि पत्रकारों को लोगों को यह बताने की ज़रूरत है कि अगर वे आज अपने अधिकारों के लिए नहीं लड़ते हैं, तो वे इन्हें हमेशा के लिए गंवा देंगे.