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मणिपुर में बीते माह 3 मई से भड़की जातीय हिंसा को लेकर मणिपुर ट्राइबल्स फोरम ने कहा है कि एन. बीरेन सिंह सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही राज्य में ध्रुवीकरण की राजनीति देखी जा रही है. संगठन ने मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद लीशेम्बा सनाजाओबा की कथित भूमिका की जांच की अपील की है.
उत्तर-पूर्व में जातीय संघर्ष की लंबी सामाजिक और सांस्कृतिक जड़ें हैं. मणिपुर में जारी वर्तमान अराजकता जातीय राजनीतिक आकांक्षाओं से जुड़ी हुई है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उत्तर-पूर्व भारत में दशकों पुराने उग्रवादी अलगाववादी आंदोलनों के बीच जातीय विभाजन को मजबूत करने में धर्म ने एक बढ़ती हुई भूमिका निभानी शुरू कर दी है.
मणिपुर में रविवार और सोमवार को फिर हिंसा भड़क गई, जिसके चलते कर्फ्यू में दी गई ढील को दो घंटे कम कर दिया गया है. इंटरनेट पर प्रतिबंध 26 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. हालिया हिंसा के संबंध में पुलिस ने तीन व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया है, जिनमें एक पूर्व विधायक भी शामिल हैं.