अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.79 प्रतिशत पहुंची, आठ साल का उच्चतम स्तर

खाद्य पदार्थों की क़ीमतों में भारी बढ़ोतरी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति बढ़ी है और लगातार चौथे महीने रिज़र्व बैंक के लक्ष्य की उच्चतम सीमा से ऊपर रही है. खाद्य मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर 8.38 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने में 7.68 प्रतिशत और एक साल पहले इसी महीने में 1.96 प्रतिशत थी.

क्या भारतीय रिज़र्व बैंक ने उच्च मुद्रास्फीति से निपटने का प्रयास नहीं किया

रिज़र्व बैंक का ध्यान जहां देश के ऋण प्रबंधन और विकास को गति देने पर ही केंद्रित है, वहीं महंगाई दिन दूनी-रात चौगुनी रफ़्तार से बढ़ती जा रही है.

केंद्र सरकार ने रिज़र्व बैंक को मुद्रास्फीति क़ानून को दरकिनार करने में मदद की

द रिपोर्टर्स कलेक्टिस को आरटीआई के ज़रिये मिले दस्तावेज़ दिखाते हैं कि वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिज़र्व बैंक को साल 2020 में मुद्रास्फीति लक्ष्य से चूकने के लिए जवाबदेही से बचने का मौका दिया.

‘विदेशियों’ की मदद करने के लिए केंद्र ने की थी पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की जांच की मांग

भारत सरकार ने अपने केंद्रीय बैंक से ब्याज दरों में कटौती करने की कहते हुए उस पर विकसित देशों के पक्ष में यह दरें निर्धारित करने का आरोप लगाया था.

पांच साल का रिकॉर्ड तोड़ दिसंबर में 7.35 फीसदी पर पहुंची खुदरा महंगाई दर

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार भी दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई की दर सामान्य स्तर को लांघ चुकी है. वहीं, दिसंबर महीने में सब्जियों की कीमतें पिछले साल से औसतन 60.5 फीसदी ऊपर थीं. साल 2014 में खुदरा महंगाई दर 7.39 फीसदी पर चल रही थी.

खुदरा के बाद थोक महंगाई दर में भी बढ़ोतरी, पिछले साल की तुलना में दोगुने स्तर पर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, थोक मुद्रास्फीति मई में 14 महीने के उच्चतम स्तर 4.43 प्रतिशत पर पहुंच गई है. पिछले साल मई महीने में यह 2.26 प्रतिशत थी.