महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी निगम का राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर बीते 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अदालत ने कर्मचारियों से अपने रुख़ पर पुनर्विचार करने और ड्यूटी पर वापस लौटने का भी अनुरोध किया है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में आम लोगों समेत बच्चों को सुविधाजनक और सस्ते परिवहन की कमी के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी निगम का राज्य सरकार में विलय की मांग को लेकर बीते 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों के संकट से निपटने के लिए प्रबंधन ने दैनिक वेतन के आधार पर ड्राइवर, कंडक्टर और लिपिक पदों के लिए नए सिरे से भर्ती शुरू करने का फ़ैसला लिया है.
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारी बीते 28 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अधिकारियों ने बताया कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण राज्य के सभी 250 डिपो में परिचालन नौ नवंबर से बंद है. कर्मचारी राज्य सरकार के साथ निगम के विलय की मांग कर रहे हैं. उनके अनुसार, इससे उन्हें बेहतर वेतन के साथ ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा.
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम की बस से राज्य के किसी भी हिस्से में जाने के लिए ई-पास या कोरोना-फ्री सर्टिफिकेट की बाध्यता समाप्त कर दी गई है. राज्य में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण मार्च में बस सेवा बंद कर दी गई थी.