एक संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारत संचार निगम लिमिटेड, गेल और केनरा बैंक के शीर्ष प्रबंधन में ओबीसी समुदाय की अनुपस्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि निदेशक मंडल में सामाजिक समावेशन के लिए ओबीसी को उचित प्रतिनिधित्व देना अनिवार्य है.
इसके विरोध में सरकारी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बीएसएनएल के आठ कर्मचारी संगठनों ने 26 नवंबर को आम हड़ताल का आह्वान किया है. संगठनों का आरोप है कि बीएसएनएल का पुनरुद्धार अभी दूर का सपना है, क्योंकि सरकार इसके लिए कोई क़दम नहीं उठा रही है.
केंद्र सरकार ने दूरसंचार कंपनियों के घाटे को कम करने के लिए ऐसा किया है. बीएसएनएल को 2019-20 में 15,500 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जबकि एमटीएनएल का घाटा 3,694 करोड़ रुपये रहा था.
केंद्र की ओर से राज्यसभा में बताया गया है कि सरकार द्वारा संचालित बीएसएनएल के अलावा एमटीएनएल में उपयोग किए जाने वाले 10 प्रतिशत मोबाइल नेटवर्क उपकरणों की आपूर्ति चीनी कंपनियों द्वारा की जाती है.
वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज जैसी कंपनियों को लगभग 1.6 लाख करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व यानी एजीआर का भुगतान दूरसंचार विभाग को करना है. सुप्रीम कोर्ट ने कंपनियों को आगाह किया है कि एजीआर के बकाये की किस्त के भुगतान में चूक की स्थिति में उन पर जुर्माना और ब्याज लगेगा.
देशव्यापी लॉकडाउन के कारण ट्राई के निर्देश पर बीएसएनएल, एमटीएनएल और एयरटेल ने प्रीपेड ग्राहकों की वैधता 20 अप्रैल तक बढ़ाने और 10 रुपये का अतिरिक्त टॉकटाइम देने की घोषणा की, जो प्रति उपभोक्ता कम खर्च करने वाले ग्राहकों के लिए सीमित होगी. इसका फायदा करीब आठ करोड़ ग्राहकों को होगा.
ऑल यूनियंस एंड एसोसिएशंस ऑफ बीएसएनएल ने एक बयान में कहा कि इस हड़ताल की प्रमुख वजह बीएसएनएल के पुनरोद्धार पैकेज को अमल में लाने में देरी और कर्मचारियों की शिकायतों का निवारण है.
एजीआर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन के सोमवार को 2,500 करोड़ रुपये और शुक्रवार तक 1,000 करोड़ रुपये चुकाने के साथ ही उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई ना किए जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
वित्तीय संकट से जूझ रहीं सरकारी दूरसंचार कंपनियों- बीएसएनएल और एमटीएनएल ने नवंबर की शुरुआत में अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) योजना पेश की थी. बीएसएनएल के प्रबंधन ने दावा किया था कि कुल 1.6 लाख कर्मचारियों में से 77 हज़ार कर्मचारियों ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है.
बीएसएनएल के मामले में अभी तक 77,000 कर्मचारी वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं. एमटीएनएल को पिछले दस में से नौ साल घाटा हुआ है. बीएसएनएल भी 2010 से घाटे में है. दोनों कंपनियों 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
वोडाफोन-आइडिया ने दूसरी तिमाही में 50,921 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल ने 23,045 करोड़ रुपये का नुकसान दिखाया है. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के कारण कंपनियों पर स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क और राजस्व में सरकार की हिस्सेदारी जैसी मदों में देनदारी अचानक बढ़ गई है.
मामला मल्लापुरम ज़िले के निलाम्बुर का है, जहां बीएसएनएल के एक अनुबंधित कर्मचारी ने अपने दफ्तर में फांसी लगा ली. श्रमिक संघ ने बताया कि अनुबंधित कर्मचारियों को पिछले 10 महीनों से वेतन नहीं मिला है और बीते 130 दिन से वे बकाया वेतन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
वित्तीय संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मंजूरी के कुछ दिनों बाद दोनों कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना पेश की है.
केंद्र ने बीते जुलाई में शीर्ष अदालत को बताया था कि एयरटेल पर 21,682.71 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क के बकाया थे. इसी तरह वोडाफोन पर 19,823.71 करोड़, रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 16,456.47 करोड़ और सरकारी स्वामित्व वाले बीएसएनएल पर 2,098.72 करोड़ और एमटीएनएल पर 2,537.48 करोड़ रुपये बकाया है.
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों के लिए एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई जाएगी. विलय की प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल, बीएसएनएल की एक इकाई के रूप में काम करेगी.