गर्भपात संबंधी सुनवाई में लापरवाही की बजाय तत्परता दिखाई जानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट गुजरात की एक रेप सर्वाइवर की 27 सप्ताह से अधिक के भ्रूण के गर्भपात की इजाज़त मांगने की याचिका सुन रहा था. कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट को महिला की याचिका को बारह दिन के लिए स्थगित करने के लिए फटकारते हुए कहा कि ऐसे मामलों में वक़्त ख़राब न करते हुए तत्परता बरती जानी चाहिए. 

कोर्ट ने 33 हफ्ते की गर्भवती को गर्भपात की इजाज़त दी, कहा- जन्म देना महिला की पसंद पर निर्भर हो

एक 26 वर्षीय महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट से भ्रूण में मस्तिष्क संबंधी असामान्यताएं होने के कारण गर्भपात की अनुमति मांगी थी. अदालत ने उनके पक्ष में निर्णय देते हुए कहा कि ऐसे मामलों में अंतिम फैसला जन्म देने संबंधी महिला की पसंद और अजन्मे बच्चे के गरिमापूर्ण जीवन की संभावना को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए. 

महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर उम्र की पाबंदी के ख़िलाफ़ याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता मीरा कौर पटेल की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम की धारा 4 (3) (i) में 35 वर्ष की आयु का प्रतिबंध महिलाओं के प्रजनन अधिकारों पर पाबंदी है.