देश के नेता विगत कोई बीस सालों के अथक प्रयास से समाज का इतना ध्रुवीकरण पहले ही कर चुके हैं कि आने वाले अनेक वर्षों तक उनकी चुनावी जीत सुनिश्चित है. फिर कुछ लोग अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और उन्हें अपमानित करने के लिए जोशो-ख़रोश से क्यों जुटे हुए हैं?
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की स्थिति के मद्देनज़र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अगले 24 घंटे के दौरान 2,000 आईसीयू बेड और एक सप्ताह के भीतर अन्य 2,000 बेड का प्रबंध करने का निर्देश दिया.
योगी शासन की एक प्रमुख निशानी ये है कि उसने मीडिया को चुप कराने के लिए एफआईआर और धमकियों का सहारा लिया है. उनकी अमर्यादित टिप्पणी का वीडियो साझा करने के बाद दी गई एफआईआर की चेतावनियां इसी बात की तस्दीक करती हैं.
गुजरात के वडोदरा शहर का मामला. महिला के परिवार ने राज्य में हाल ही में पारित धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 के तहत जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन महिला ने आरोप से इनकार कर दिया. इसके बाद परिवार को शिकायत वापस लेनी पड़ी.
इससे पहले धार्मिक नेता और ग़ाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर के प्रमुख पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को कथित तौर पर आहत करने के लिए राजधानी दिल्ली में आप विधायक और दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला ख़ान द्वारा बीते तीन अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
युवती की शिकायत के आधार पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है. विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना से संंबंधित धारा भी लगाई गई है. बजरंग दल के गिरफ़्तार चार में से दो कार्यकर्ताओं का इसी तरह के मामलों में आपराधिक इतिहास रहा है.
आप विधायक अमानतुल्ला ख़ान ने हिंदुत्वादी नेता और ग़ाज़ियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के पुजारी नरसिंहानंद सरस्वती के ख़िलाफ़ पैंगबर मुहम्मद और मुस्लिमों के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी के आरोप में शिकायत दर्ज कराई है. नरसिंहानंद पिछले महीने तब चर्चा में आए थे, जब डासना मंदिर में पानी पीने के चलते 14 वर्षीय एक मुस्लिम लड़के की बर्बर पिटाई की गई थी.
गुजरात विधानसभा ने ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंज़ूरी दे दी. इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सज़ा का प्रावधान है. विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सजा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
वीडियो: ध्रुवीकरण की राजनीति को लेकर क्या कहते हैं पश्चिम बंगाल के मुस्लिम समुदाय के लोग? खिदिरपुर इलाके में रहने वाले इस समुदाय के लोगों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पिछले साल दिल्ली दंगे के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ पुलिसवाले पांच मुस्लिम युवकों को पीटते हुए उनसे राष्ट्रगान गवा रहे थे. बाद में इसमें से एक शख़्स 23 वर्षीय फ़ैज़ान की मौत हो गई थी. फ़ैज़ान की मां ने पुलिसकर्मियों पर हिरासत में हत्या करने का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है.
सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर उपासना स्थल अधिनियम, 1991 को चुनौती दी है, जिसके तहत राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को छोड़कर अन्य धार्मिक स्थल से संबद्ध ऐसे किसी भी विवाद को अदालत नहीं लाया जा सकता. लखनऊ की 350 साल पुरानी टीलेवाली मस्जिद से जुड़े वसीफ़ हसन ने इसे चुनौती दी है.
ये बैनर दक्षिणपंथी समूह हिंदू युवा वाहिनी द्वारा लगाए गए जिसके सदस्यों का दावा है कि वे उत्तराखंड के सभी मंदिरों में ऐसे बैनर लगाएंगे. यह क़दम गाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर में एक मुस्लिम किशोर को पानी पीने के लिए प्रताड़ित किए जाने के बाद सामने आया है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद स्थित शिव शक्ति धाम डासना मंदिर में एक मुस्लिम लड़के को पानी पीने के लिए बर्बरतापूर्वक पीटा गया. हिंसा की इस घटना को लेकर पीड़ित परिवार से बातचीत.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद स्थित शिव शक्ति धाम डासना मंदिर में एक मुस्लिम लड़का पानी पीने के लिए बर्बरतापूर्वक पीटा गया. डासना में हुई घटना नफ़रत की एक मानसिकता को दर्शाती है. यह मानसिकता क्यों पनपती है? इसके पीछे क्या वजह है? इन मुद्दों को समझने के लिए स्वतंत्र पत्रकार अलीशान जाफ़री से दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद की बातचीत.
डासना की घटना से मालूम होता है कि जो हिंसा का निशाना बनाया गया है, पुलिस उसके साथ खड़ी हो सकती है. जिसने हिंसा की, पुलिस उसे खोजकर उसके साथ इंसाफ की प्रक्रिया शुरू कर सकती है. इंसानियत के बचे रहने की उम्मीद क़ानून या संविधान के बोध के जीवित और सक्रिय रहने पर ही निर्भर है.