बीते 28 मई को केंद्र की मोदी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के 13 ज़िलों में रह रहे अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए निर्देश दिया था. इस अधिसूचना को इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.
उत्तर प्रदेश में ग़ाज़ियाबाद के लोनी में यह घटना बीते पांच जून को हुई. घटना से संबंधित वीडियो कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें बुलंदशहर निवासी अब्दुल समद सैफी को कम से कम दो आरोपियों द्वारा पीटते हुए देखा जा सकता है. इनमें से एक सैफी को मारता है और उनकी दाढ़ी काटने की कोशिश करता है.
मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा सिर्फ भारत में नहीं है. यह एक प्रकार की विश्वव्यापी बीमारी है और यह कनाडा में भी पाई जाती है. लेकिन इस हिंसा पर समाज, सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया क्या है, कनाडा और भारत में यही तुलना का संदर्भ है.
यह भारत का सामाजिक स्वभाव बनता जा रहा है कि मुसलमानों को खुलेआम मारा जा सकता है, उनके ख़िलाफ़ हिंसक प्रचार किया जा सकता है और पुलिस-प्रशासन से लेकर राजनीतिक दलों तक कोई भी इसे गंभीर मामला मानने को तैयार नहीं.
बीते 28 मई को केंद्र सरकार ने 13 ज़िलों में रह रहे अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान के ग़ैर-मुस्लिमों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन मंगाने संबंधी अधिसूचना जारी की है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की ओर से मांग की गई है कि जब तक सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका अदालत में लंबित है, तब तक केंद्र को नागरिकता संबंधी नए आदेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया जाए.
केंद्र की मोदी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के 13 ज़िलों में रह रहे अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने के लिए निर्देश दिया है.
देश के नेता विगत कोई बीस सालों के अथक प्रयास से समाज का इतना ध्रुवीकरण पहले ही कर चुके हैं कि आने वाले अनेक वर्षों तक उनकी चुनावी जीत सुनिश्चित है. फिर कुछ लोग अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और उन्हें अपमानित करने के लिए जोशो-ख़रोश से क्यों जुटे हुए हैं?
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में बताया कि लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधायी समितियों ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के नियमों को तय करने के लिए क्रमश: नौ अप्रैल और नौ जुलाई का समय दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस वी. गोपाल गौड़ा ने एक कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान में भारतीय नागरिक गंभीर संकट से गुज़र रहे हैं और क़ानून के शासन को दांव पर लगा दिया गया है. नागरिकता की समस्या भयावह हो गई है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान ख़ुर्शीद ने राजस्थान के स्थानीय निकायों में पार्टी के नवनिर्वाचित पार्षदों के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि ग़ैर-मुस्लिम हमेशा हमारी चिंताओं को उठाते रहे हैं.
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के लिए प्रकाशित कक्षा 12 की राजनीतिक विज्ञान की किताब को लेकर हुआ विवाद. जयपुर में किताब से संबंधित एक उत्तर पुस्तिका प्रकाशित करने वाले प्रकाशन समूह के दफ़्तर में तोड़फोड़ करने के सिलसिले में तीन लोग गिरफ़्तार.
श्रीलंका ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए इन प्रतिबंधों की योजना की घोषणा की है. इससे पहले पिछले हफ़्ते स्विट्जरलैंड ने सार्वजनिक जगहों पर पूरी तरह से चेहरा ढंकने या बुर्का पहनने पर पाबंदी लगाने के लिए मतदान किया था. 51.2 फीसदी मतदाताओं ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था.
वीडियो: एक साल पहले सांप्रदायिक दंगों में उत्तर पूर्वी दिल्ली में जान-माल का काफ़ी नुकसान हुआ था. तब द वायर ने शिव विहार के प्रभावित लोगों से इस विषय पर बात की थी. एक साल बाद उन्हीं लोगों से दोबारा बातचीत कर उनका हाल जाना गया.
वीडियो: दिल्ली दंगों के एक साल बाद भी लोग ख़ौफ़ में जी रहे हैं. दंगों में हुए जान-माल के नुकसान की भरपाई हो पाना असंभव है. द वायर ने शिव विहार के लोगों से बातकर उनकी समस्या को जाना.
वीडियो: कुछ दिन पहले ट्विटर पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा द्वारा हिंदू इकोसिस्टम बनाने की बात की गई थी. इसके बाद एक टेलीग्राम ग्रुप बनाया गया, जिसमें कई सारे लोग जुड़े हुए हैं, जो ईसाई और मुस्लिम समुदाय के लोगों के ख़िलाफ़ काम कर रहे हैं. इस पर न्यूज़लॉन्ड्री वेबसाइट के रिपोर्टर मेघनाद एस. से आरफा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.