क्या आधुनिक शिक्षा के पैरोकार सर सैयद अहमद ख़ान औरतों की तालीम के ख़िलाफ़ थे?

सर सैयद का मानना था कि जब मर्द लायक़ हो जाते हैं, तब औरतें भी लायक़ हो जाती हैं. जब तक मर्द लायक़ न हों, औरतें भी लायक़ नहीं हो सकतीं. यही सबब है कि हम कुछ औरतों की तालीम का ख़्याल नहीं करते हैं.

भारतीय मुसलमानों को पाकिस्तानी बोलने पर हो सज़ा: असदुद्दीन ओवैसी

केंद्र सरकार से इस बारे में क़ानून बनाने की गुज़ारिश करते हुए हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि ऐसा कहने वाले व्यक्ति को तीन साल की जेल होनी चाहिए.

हज सब्सिडी ख़त्म, पैसे का इस्तेमाल अल्पसंख्यक लड़कियों की शिक्षा पर होगा: नक़वी

आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि केंद्र सरकार हज यात्रियों को नहीं बल्कि घाटे में चल रही एयर इंडिया की मदद के लिए सब्सिडी दे रही थी.

क्या भारत की राजनीति ने अपना धर्म चुन लिया है?

कभी हाशिये पर रही हिंदुत्व की राजनीति आज मुख्यधारा की राजनीति बन चुकी है. संघ के लिए इससे बड़ी सफलता भला और क्या हो सकती है कि देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां नरम/गरम हिंदुत्व के नाम पर प्रतिस्पर्धा करने लगें.

साल 2018 में ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द संविधान से हटाए बिना ही चलन से बाहर कर दिया जाएगा

नरेंद्र मोदी सरकार कई अहम मोर्चों, मसलन रोज़गार और निवेश पर नाकाम रही है. जैसा कि हमने उत्तर प्रदेश और अब गुजरात में देखा, जब बाकी सारी चीज़ें चुक जाती हैं, तब हिंदुत्व काम आता है.

जन गण मन की बात, एपिसोड 173: राहुल गांधी और हज यात्रा

जन गण मन की बात की 173वीं कड़ी में विनोद दुआ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जनता से माफ़ी मांगने और हज यात्रा को लेकर मोदी सरकार के रवैये पर चर्चा कर रहे हैं.

मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना: हामिद अंसारी

निवर्तमान उपराष्ट्रपति ने कहा कि तीन तलाक के मसले पर अदालतों को दखल नहीं देना चाहिए, क्योंकि सुधार समुदाय के भीतर से ही होंगे.

लोगों का भीड़ में बदलना और क़ातिल हो जाना विकास का कैसा मुक़ाम है?

भीड़ को राजनीति और सत्ता मिलकर पैदा करते हैं. उन्हें निर्देशित करते हैं. फिर भीड़ उनके नियंत्रण से भी बाहर निकल जाती है. वह किसी की नहीं सुनती.

केंद्र की राजस्थान सरकार को नसीहत, गोरक्षकों के ख़िलाफ़ करें कार्रवाई

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राजस्थान सरकार को निर्देश दिया है कि वो गोरक्षकों को लेकर उसकी ओर से जारी एडवाजरी को सही ढंग से लागू करे.

पहलू ख़ान के गांव से ग्राउंड रिपोर्ट: मेरा क़सूर बस ये था कि मैं, मैं था!

हम सब मौत से वाक़िफ़ हैं. अपने अजीज़ लोगों को खोने की तकलीफ हम सबने सही है. हमने न भरे जा सकने वाले खालीपन को महसूस किया है. लेकिन इस मौत का एहसास अलग है. यह एक बेक़सूर की मौत है. यह नफ़रत से हुई मौत है. आप इसे जयसिंहपुर में देख सकते हैं.

क्यों यूपी विधानसभा में उर्दू में शपथ लेना अवैध है और संस्कृत में वैध?

संस्कृत हिंदू धर्म ग्रंथों की भाषा है, इसीलिए भाजपा का उससे कुछ अधिक ही लगाव है. यह अलग बात है कि इस भाषा की समृद्ध साहित्यिक-दार्शनिक विरासत से उसका कोई ख़ास परिचय नहीं है.

बेहद समृद्ध रहा है भारतीय संगीत में मुस्लिमों का इतिहास

रूढ़िवादी ताक़तों के उभार के कारण बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों की मेल-जोल वाली संगीत जैसी सांस्कृतिक परंपराएं ख़तरे में आ गई हैं.

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