सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिया कार्रवाई का ब्यौरा.
चुनावी सरगर्मी के दौरान लगातार मुज़फ़्फ़रनगर दंगों की बात होती रही पर क्यों किसी भी राजनीतिक दल ने दंगों में बलात्कार की शिकार इन महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए आवाज़ नहीं उठाई?