38 सीटों में से जहां दोनों पक्ष सीधे एक-दूसरे से मुकाबला कर रहे थे, अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज की है. इस तरह अजित पवार ने साबित कर दिया है कि एनसीपी अब उनके नाम से जानी जाएगी.
महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में यह कांग्रेस का सबसे ख़राब प्रदर्शन है, जबकि भाजपा अकेले अपने दम पर बहुमत के करीब पहुँच गयी है.
शिंदे की शिवसेना 81 और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 95 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ा था. इन दोनों दलों के बीच 53 निर्वाचन क्षेत्रों में सीधा मुकाबला था. इनमें से अधिकांश सीट पर शिंदे की पार्टी आगे चल रही है.
भाजपा 116, शिवसेना (शिंदे) 56, एनसीपी (अजित पवार) 35 सीटों पर आगे चल रही है.
महाराष्ट्र में मुख्य मुकाबला भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और अजित पवार द्वारा गठित महायुति गठबंधन और महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच है, जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं.
महाराष्ट्र चुनाव महायुति और महा विकास अघाड़ी के बीच का मुक़ाबला है. इसके बीच स्वयं को दलित-मुस्लिम या बहुजन समुदाय की रहनुमा बताने वाले एआईएमआईएम और वंचित बहुजन अघाड़ी अपनी जगह तलाश रहे हैं.
वीडियो: महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद अब एनसीपी में दोफाड़ हुआ है और पार्टी के कुछ विधायक भाजपा गठबंधन वाली सरकार का हिस्सा बन गए हैं. इस घटनाक्रम के क़ानूनी पहलुओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल से चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
यह टैपिंग कथित तौर पर नवंबर 2019 में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने से पहले उस समय हुई, जब भाजपा राज्य में सत्ता में थी. मामले की जांच एमवीए सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति के निष्कर्षों के परिणामस्वरूप हुई है. बताया गया है कि फोन टैपिंग का अनुरोध राज्य के इंटेलिजेंस विभाग द्वारा किया गया था.
11 अगस्त को नागपुर के कमिश्नर द्वारा एकाएक शहर के बीचोंबीच बने रेड लाइट एरिया 'गंगा-जमुना' को बंद करने के आदेश के बाद यहां की सेक्स वर्कर्स की आय बंद हो गई. राज्य की महिला और बाल विकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने इस क़दम की आलोचना करते हुए कहा है कि पुलिस ने उनकी आजीविका के बारे में सोचे बिना यह कार्रवाई की है.